आज हम बात करेंगे Pneumonia Disease क्या होता है? निमोनिया रोग होने का कारण क्या है? निमोनिया रोग कितने प्रकार का होता है? निमोनिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों में लक्षण क्या हो सकते हैं? निमोनिया रोग का परीक्षण और जांच प्रक्रिया क्या है, निमोनिया रोग के रोगो में कारगर डाइट प्लान, निमोनिया रोग के घरेलू उपचार क्या है।

विषय सूची 

  1. निमोनिया (pneumonia in hindi)
  2. निमोनिया के लक्षण (pneumonia symptoms in hindi)
  3. निमोनिया का इलाज (pneumonia treatment in hindi)
  4. बच्चों में निमोनिया (pneumonia in children in hindi)
  5. वायरल निमोनिया (viral pneumonia in hindi)
  6. बैक्टीरियल निमोनिया (bacterial pneumonia in hindi)
  7. निमोनिया का टीका (pneumonia vaccine in hindi)
  8. निमोनिया परीक्षण (pneumonia test in hindi)
  9. निमोनिया में घरेलू उपचार (home remedies in pneumonia in hindi)
  10. Some questions related to pneumonia and its answers

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निमोनिया रोग क्या है? – What is Pneumonia Disease in Hindi

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निमोनिया (Pneumonia) रोग से ग्रसित व्यक्ति के एक या दोनों फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है और इसका कारण बैक्टीरिया और वायरस होता है। इस रोग के संक्रमण से फेफड़ों की हवा की थैली में सूजन आ जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। निमोनिया रोग संक्रमण के द्वारा भी फैलते हैं।

निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति से अन्य लोगों में संक्रमण खांसी के संपर्क से या छींक आने के संपर्क से भी संक्रमण फैल जाता है। निमोनिया मुख्यत दो प्रकार के होते हैं वायरल और बैक्टीरियल।

वायरल निमोनिया – Viral Pneumonia in Hindi

वायरल निमोनिया सामान्य रोग होता है, यह सामान्य उपचार के मदद से जल्द ठीक भी हो जाता है और अगर वायरल निमोनिया के लक्षण की बात करें तो आमतौर पर सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं, जिसमें व्यक्ति की नाक बहती है या नाक भरी हुई ऐसा हमेशा प्रतीत होता है।

अन्य लक्षण जैसे छींक का आना, शरीर में दर्द का होना, शरीर में असामान्य थकान बना रहना, यह सभी वायरल निमोनिया के लक्षण होते हैं। 

कैसे वायरल निमोनिया फैलता है? – How Viral Pneumonia Spreads

वायरल निमोनिया के विषाणु जो किसी के छींकने या खांसने के बाद द्रव की बूंदों में हवा के माध्यम से वायरल निमोनिया फैलने के कारण बनते हैं। ये तरल पदार्थ आपके नाक या मुंह के माध्यम से आपके शरीर में पहुंच सकते हैं।

बैक्टीरियल निमोनिया – Bacterial Pneumonia in Hindi

बैक्टीरियल निमोनिया अन्य प्रकार के निमोनिया की अपेक्षा अत्यंत गंभीर समस्या उत्पन्न करता है। बैक्टीरियल निमोनिया आपके फेफड़ों का एक संक्रमण है जो कुछ बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण अत्यंत धीमा नजर आता है लेकिन बैक्टीरियल निमोनिया का संक्रमण शरीर के भीतर तेज गति से अपना फैलाव करते हैं।

इस निमोनिया के संक्रमण में व्यक्ति का बुखार 105 डिग्री तक भी हो सकता है और व्यक्ति को सांस लेने में समस्या, लगातार पसीना का बना रहना, नाखूनों का रंग पीला होना, चेहरे और होठों का रंग पीला हो जाना तथा मानसिक तौर पर भी नुकसान होता है, जिस कारण भ्रम (anxity) की समस्या उत्पन्न है। यह सभी बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण है।

इस प्रकार के लोगो को बैक्टीरिया निमोनिया होने का खतरा अधिक है।

  1. बैक्टीरियल निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति जो जिनका शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वह बैक्टीरियल निमोनिया से जल्द ग्रसित होते हैं।
  2. 65 या उससे अधिक उम्र के हैं। 
  3. अस्थमा , मधुमेह या हृदय रोग जैसी अन्य स्थितियां हैं। 
  4. सर्जरी से ठीक हो रहे हैं। 
  5. सही न खाएं या पर्याप्त विटामिन और खनिज प्राप्त करें। 
  6. बहुत अधिक शराब पीना 

निमोनिया रोग के लक्षण – Symptoms of Pneumonia Disease in Hindi

  1. निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को खांसी का आना बना रहता है और खांसी के साथ हल्के पीले या लाल रंग की खूनी बलगम (sputum) भी निकलता है। 
  2. निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को बुखार के साथ शरीर से लगातार पसीना और शरीर में हल्की ठंडक के साथ कपकपी भी महसूस होती है। 
  3. निमोनिया रोग में ग्रसित व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत भी महसूस होती है। 
  4. निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को भूख में कमी, शरीर में कम ऊर्जा का महसूस होना और अनावश्यक थकान सा महसूस होना यह सभी समस्याएं भी हो सकती हैं। 
  5. निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को शरीर की मांसपेशियों में अनावश्यक दर्द बना रहता है।
  6. निमोनिया के लक्षण old age के लोगों में भ्रम (anxity) की समस्या उत्पन्न करती है साथ ही उन्हें खांसी का आना और बुखार भी बना रहता है यह समस्या संक्रमण के कारण होता है। 

बच्चों में निमोनिया के लक्षण – Symptoms of Children Pneumonia in Hindi 

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निमोनिया रोग के लक्षण छोटे बच्चों में इस प्रकार नजर आते है जैसे बार बार उल्टी का होना, सांस लेने में बच्चे को समस्या का होना तथा 5 वर्ष के बच्चों को तेज सांस लेते हैं। शिशु और छोटे बच्चों में इसके लक्षण आमतौर पर नजर नहीं आते हैं लेकिन उन्हें कभी कभी यह लक्षण नजर आ सकते हैं। जैसे – ऊर्जा की कमी बनी रहती है, उनमे सुस्ती का बना रहना, खाना ना खाने की समस्या यह सभी समस्या छोटे बच्चों में नजर आती है, जिसे की इस रोग के संक्रमण की पहचान की जा सकती है। 

निमोनिया रोग के लिए टेस्टTest for Pneumonia Disease

टेस्ट यदि डॉक्टर अपने संदेह की पुष्टि के लिए तथा संक्रमण किस  प्रकार का है इसकी सही स्थिति को जानने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट या बॉडी टेस्ट का परीक्षण करवाया जा सकता है जिनमें से यह शामिल हो सकते हैं। 

  1. शरीर में संक्रमण की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जा सकता है, जिसे आपकी बीमारी का कारण तथा संक्रमण की स्थिति की पहचान की जा सकती है। 
  2. शरीर के फेफड़ों के दर्द के कारण तथा सूजन के स्थान के फैलाव के बारे में जानने के लिए छाती का एक्सरे किया जा सकता है। 
  3. संक्रमण की पहचान के लिए खांसी के समय निकले हुए बलगम का भी परीक्षण किया जा सकता है। 
  4. अगर संक्रमण का अंतराल शरीर में अधिक दिनों तक बना रहे तो छाती का सिटी स्कैन किया जा सकता है, जिससे फेफड़े को बेहतर दृश्य के साथ रोग के संक्रमण की स्थिति सही प्रकार से प्राप्त की जा सकती है। 

निमोनिया रोग से बचाव कैसे करे? – How to Prevent Pneumonia Disease

  1. निमोनिया से बचाव कुछ आसान व सरल चरणों का सही प्रकार से पालन करके आप निमोनिया होने के कारण को कम कर सकते हैं। ऐसे में आप टीके को लगवा सकते हैं जिससे बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण को रोका जा सके, बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण से अन्य रोग जैसे- काली खांसी, चिकन पॉक्स और खसरा रोग भी हो सकते हैं। इस प्रकार के टीके आपको अन्य प्रकार के रोगो से भी बचाव करेंगे। 
  2. आप भोजन को करने या भोजन को बनाने से पहले आप अपने हाथ को अवश्य धोएं और बाथरूम यूज़ के बाद, नाक बहने के बाद उसकी सफाई के बाद भी हाथो को अवश्य धोएं। 
  3. तंबाकू का सेवन पूर्ण रूप से ना करें क्योंकि इसके सेवन से शरीर संक्रमण से लड़ने की क्षमता को  नुकसान पहुंचाता है और धूम्रपान करने वाले लोगों में विशेष रूप से निमोनिया होने की आशंका ज्यादातर होती है। 
  4. स्वास्थ्य के प्रति कुछ आदत अपनाये जैसे नियमित फलों का सेवन, व्यायाम अन्य चीजों को अपने दिनचर्या में शामिल करें, जिससे कि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा और आप किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या संक्रमण से ग्रसित नहीं होंगे।

निमोनिया रोग का इंजेक्शन व टीका – Pneumonia Disease Injection and Vaccine

इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में पीसीवी (pcv -13)  न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन के माध्यम से 9 माह तक के बच्चों को अलग-अलग अंतराल पर तीन टीके लगाए जाते है।

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यह इंजेक्शन बच्चे को तीन बार लगते है। इसमें दो प्राइमरी और तीसरी बूस्टर डोज होता है। निमोनिया का यह इंजेक्शन बच्चे को प्राइमरी स्टेज पर लगाना अति आवश्यक है। जिस बच्चे को प्राइमरी डोज नहीं मिला, उसको बूस्टर डोज नहीं दिया जा सकता है। पीसीवी (pcv) इंजेक्शन निमोनिया के बचाव के लिए पहला मात्र डेढ़ माह की आयु में, दूसरा साढ़े तीन माह और बूस्टर नौ माह की आयु में बच्चे को लगाया जाता है। टीकाकरण कुछ बैक्टीरिया और वायरस जनित निमोनिया के विरुद्ध बच्चों तथा वयस्कों दोनों में रोकथाम करता है।

निमोनिया रोग में घरेलू उपचार क्या है? – What are the Home Remedies in Pneumonia Disease?

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  1. निमोनिया रोग में घरेलू उपचार में पुदीना, नीलगिरी और मेथी की चाय यह सब खांसी को कम करने में मददगार साबित होंगे और कुछ बड़ी जड़ी-बूटी जैसे- पिपरमेंट भी सहायक होगा। पिपरमेंट, नीलगिरी और मेथी की चाय आपको किराने की दुकान, और ऑनलाइन जैसी जगहों पर आपको आसानी से उपलब्ध मिल जाएंगे। 
  2. गले और छाती में जमा हुए कफ़ को कम करने के लिए आप गर्म पानी का भी सेवन कर सकते हैं। 
  3. अगर बुखार होता है तो उसे अपने शरीर के लिए तरल पदार्थों जैसे- इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा भरपूर मात्रा में रखनी चाहिए।
  4.  निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति इन घरेलू उत्पादों का उपयोग कर सकता है जिससे कि उसे बैक्टीरिया, वायरस के संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगी जो निम्नलिखित प्रकार से है। जैसे- लहसुन, शहद, फल सब्जियां, साबुत, अनाज, ओटमील, ब्राउन राइस, अनाज की रोटी, डेयरी प्रोडक्ट, विटामिन ए और ई प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ इन सभी की मदद से निमोनिया के लक्षण व असर को कम किया जा सकता है।

निमोनिया से संबंधित कुछ प्रश्न एवं उसके उत्तर

निमोनिया रोग किसे हो सकता है? – Who can get Pneumonia Disease?

निमोनिया रोग (pneumonia disease) किसी को भी हो सकता है जिनकी उम्र 64 वर्ष कम हो या इससे अधिक हो, 2 वर्ष के छोटे बच्चे को भी हो सकता है। चिकित्सा से जुड़े लोगों को वायरल निमोनिया हो सकता है जो लोग धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करते हैं उन्हें भी यह रोग हो सकता है। 

क्या निमोनिया रोग को घर पर देखभाल से कम किया जा सकता है? – Can Pneumonia Disease be Reduced by Home Care?

हां अगर निमोनिया से जुड़ी एंटीवायरल, एंटीबायोटिक या एंटीफंगल्स दवा घर पर मौजूद हों तथा निमोनिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को उचित अराम की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे कि वह अपने शरीर के गतिविधियों से बचा रहे हैं। सही वह उचित आहार का विकल्प भी होना आवश्यक है, जिससे जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी और पर्याप्त तरल पदार्थ जूस जैसे- हर्बल चाय, सूप यह सभी चीजें आसानी से मिल सके। 

निष्कर्ष (Conclusion)

हमने आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से निमोनिया रोग (pneumonia disease) के बारे में जानकारी दी है। इसके साथ ही हमने आप को निमोनिया रोग होने का कारण, निमोनिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों में आम लक्षण क्या है? निमोनिया रोग के घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी दी है।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा लेख आप को पसंद आया होगा अगर आप किसी अन्य प्रकार की जानकारी विस्तार में जानना चाहते है या इस लेख से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न हो रहा है तो आप अवश्य ही हमें कमेंट करके बताएं।

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धन्यवाद।