भारत में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मृत्यु दर की बात करें तो 2000 और 2015 के समय हार्ट अटैक से हुई मृत्यु लगभग 1000000 व्यक्ति वर्ष है, इस मृत्यु कि दर में केवल 30 से 70 आयु वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हार्ट अटैक की समस्या जहाँ महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादातर मामले देखे गए, अगर एक औसत आयु की बात करें तो जहां पुरुषों में हार्ट अटैक की समस्या 65 वर्ष की आयु में देखी गई वहीं यह समस्या महिलाओं में 72 वर्ष की उम्र में पाया गया।
आज इस लेख के क्रम में हम यह जानते हैं कि हार्ट अटैक के क्या कारण है लेकिन हमें सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि हमें हमारा ह्रदय किस प्रकार से कार्य करता है।
हार्ट क्या है और यह कैसे कार्य करता है? (What is Heart and How does it Work in Hindi?)
हृदय शरीर की छाती के मध्य भाग से बाई ओर की तरफ स्थित होता है और यह 1 दिन में हमारे शरीर में लगभग 100000 बार धड़कता है। यह सिर्फ 1 मिनट में सामान्य 60 से 90 बार धड़कता है।
हमारे दिल का धड़कना ही हमारे शरीर के रक्त को पंप करता है हृदय को जरूरत के पोषण तथा ऑक्सीजन हमारे रक्त के माध्यम से पहुंचता है, इसका वजन 250 से 350 सौ ग्राम और साइज 10 सेंटीमीटर तथा लंबाई 3.5 चौड़ाई और 6 सेंटीमीटर थिकनेस होती है।
हमारे हृदय का दाहिना भाग जो आपकी नसों से ऑक्सीजन व खराब रक्त को प्राप्त करता है और इसे आपके फेफड़ों में पंप करता है, जहां यह ऑक्सीजन को उठाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ता है।
आपके दिल का बायां हिस्सा आपके फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है और इसे आपकी धमनियों के माध्यम से आपके शरीर के बाकी हिस्सों में पंप करता है।
दिल का दौरा पड़ने का कारण क्या है? (What causes a Heart Attack in Hindi?)
दिल का दौरा तब पड़ता है जब कोरोनरी धमनियों (coronary arteries) में ब्लड के प्रभाव में अवरोध उत्पन्न होता है तब हार्ट अटैक की समस्या होती है। हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं जैसे- रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ा होना या रक्त का थक्का जम जाना।
कुछ अन्य भी वजह भी ऐसे होते हैं जो दिल का दौरा बढ़ाने में सहायक होते हैं जिन्हें आप खत्म या कम कर सकते हैं।
तम्बाकू (Tobacco) – अगर आप तम्बाकू से जुड़े पदार्थ का सेवन कर रहे हैं तो यह दिल के दौरे पड़ने में सहायक बन सकता है सही यही होगा की इसे आप पूर्ण रूप से सेवन करना बंद कर दे।
मोटापा (obesity) – वजन में थोड़ी कमी दिल की बीमारी के लिए आपके जोखिम को कम कर सकती है क्योंकि शरीर का मोटापा उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के स्तर में बढ़ावा देता है अगर आप अपने शरीर का वजन का सिर्फ 10% वजन को करते हैं तो आप हार्ट अटैक कि जो जोखिम से बच सकते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) – हमारे शरीर का पैंक्रियास (Pancreas) जो शरीर में इंसुलिन का बहाव करता है यह डायबिटीज के रोगियों में कम या उत्पादन बिल्कुल भी नहीं करता है, जिससे रक्त में ग्लूकोस (Glucose) की बढ़ोतरी होती है, अगर हमारे ब्लड मे रक्त संकरा की बढ़ोतरी होती है तो यह दिल का दौरा पड़ने मे यह सहायक होगा।
तनाव (stress) – अगर आप अपने जीवन काल में अधिकतम समय तनाव में गुजारते हैं तो यह भी बड़ा कारण होता है दिल के दौरा पड़ने जोखिम में कारक बनता है।
आयु (age ) – पुरुषों में 43 से 55 तथा महिलाओं में 55 से 65 वर्ष में उम्र में दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादातर देखी गई अब यहां यह कहना सही नहीं या उम्र एक दिल के दौरा पड़ने का मानक उम्र है, यह सिर्फ आंकड़ा दर्शाता है कि इस उम्र में लोगों में हार्ट अटैक के ज्यादातर मामले दर्ज हुए हैं।
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) – उच्च रक्तचाप हृदय पर अनावश्यक दबाव डालता है जिससे हार्ट अटैक की समस्या उत्पन्न संभावन बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi)
दिल का दौरा हमारे शरीर के लिए घातक होते हैं लेकिन अगर हम इन के लक्षणों की पहचान करते हैं तो हार्ट अटैक की समस्याओं से बचा जा सकता है। दिल का दौरा पड़ने के लक्षण और संकेत निम्नलिखित है।
- छाती में दर्द होना
- चक्कर आना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- बेचैनी होना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना
- हल्की खांसी आना
- दिल में दर्द के साथ हल्का दबाव महसूस होना
हार्ट अटैक आने पर क्या करें? (What to do When a Heart Attack Occurs in Hindi?)
हार्ट अटैक आने पर आप मरीज को किसी समतल जगह पर लेटा दें उसके बाद अगर उसने अधिक टाइट कपड़े पहने हैं तो उसे ढीला कर दें।
हार्ट अटैक की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है उसके लिए उसे थोड़ा खुले जगह पर लेटा दे, अगर उसे सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो आप उसे सांस देने के लिए उसके नाक के दोनों हिस्सों को बंद करें तथा अपने मुंह से के संपर्क से मुंह में सांस धीरे-धीरे देने का प्रयास करें।
हार्ट अटैक के आने पर हमें उस व्यक्ति की नब्ज को चेक करते रहना चाहिए अगर नब्ज नहीं चल रही है तो उसे पीठ की तरफ लेटा कर अपने हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर रखकर व्यक्ति के सीने के बीच में रखकर थोड़ी-थोड़ी देर पर हल्का हल्का दबाव बनाए जिससे कि व्यक्ति हार्ट में ब्लड का फ्लो बन सके।
हार्ट अटैक बचाव के लिए व्यायाम (Exercises for Heart Attack Rescue in Hindi)
अगर आप हृदय रोग की समस्या है तो आप अवश्य ही आपको व्यायाम आपको करना चाहिए जिससे आपके हृदय की मांसपेशियों मजबूत होगी जिसे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद प्रदान होगी। अगर व्यायाम के दौरान आपके दिल पर अधिक दबाव बनता है तो निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं।
- चक्कर आना
- आंखों के सामने अंधेरा होना
- दिल की धड़कन का अनियंत्रित हो जाना
- सांस लेने में तकलीफ होना
हार्ट अटैक के निदान (Diagnosis of Heart Attack in Hindi)
आपका डॉक्टर निम्न प्रकार का परीक्षण की सलाह दे सकता है।
ईसीजी (ECG) – जिसे ईसीजी या ईकेजी भी कहा जाता है। ईकेजी जिसका पूरा नाम इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के रूप जानते है, यह आपके हृदय की मांसपेशियों के नुकसान के साथ यह आपके हृदय गति और हार्ट कम्पन या लय की सही जानकारी व निगरानी भी करता है।
रक्त परीक्षण (blood test)- आपके रक्त आपके हृदय एंजाइमों तथा हृदय की मांसपेशियों के नुकसान के बारे में जरुरी संकेत दे सकते हैं। आपके हृदय एंजाइम आपके दिल की कोशिकाओं में पाये जाते हैं। जब यह कोशिकाएं घायल हो जाती हैं, तो वह एंजाइम रक्तप्रवाह में फैल जाते है। ब्लड टेस्ट के द्वारा एंजाइमों के स्तर को मापा जाता है।
इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography) – यह परीक्षण आपके डॉक्टर को यह निगरानी करने की अनुमति देता है कि आपका दिल और उसके वाल्व कैसे काम कर रहे हैं।
इस इमेजिंग परीक्षण का उपयोग दिल के दौरे के दौरान और बाद में उपयोग करते है, यह जानने के लिए कि आपका दिल कैसे पंप कर रहा है और किन क्षेत्रों में वे जिस तरह से पंप नहीं कर रहे हैं।
महिलाओं के लिए हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack for Women in Hindi)
महिलाएं में पुरुषों की तुलना दिल के दौरे में भिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता हैं। इन भिन्न लक्षणों को समझना महत्वपूर्ण है।
- सांस की तकलीफ।
- गर्दन, जबड़े, कंधे, ऊपरी पीठ या पेट मे दर्द होना।
- एक या दोनों बाहों में दर्द।
- मतली या उल्टी।
- पसीना आना।
- चक्कर आना
- असामान्य या अत्यधिक थकान।
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर (Difference between Cardiac Arrest and Heart Attack in Hindi)
दिल का दौरा तब होता है जब एक अवरुद्ध धमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय के एक हिस्से तक पहुंचने से रोकती है।
दिल के दौरे के लक्षण तत्काल और तीव्र हो सकते हैं हालांकि दिल के दौरे के लक्षण धीरे-धीरे नजर आते हैं। यह लक्षण दौरे से पहले घंटों, दिनों या हफ्तों तक बने रहते हैं। कार्डियक अरेस्ट होने के विपरीत, दिल के दौरे के दौरान दिल आमतौर पर धड़कना बंद नहीं करता है।
कार्डिएक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के अचानक और अक्सर होता है। यह दिल में एक Electrical failure से शुरू होता है जो एक अनियमित दिल की धड़कन का कारण बनता है ।
इसकी हार्ट ब्लड फ्लो क्रिया बाधित होती है जिसके कारण हृदय मस्तिष्क, फेफड़े और अन्य अंगों में रक्त पंप नहीं हो पाता है और व्यक्ति अपनी दिमाग़ी चेतना खो देता है अगर पीड़ित व्यक्ति को अगर सही इलाज नहीं मिलता है तो मिनटों के भीतर मौत हो जाती है।
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