डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक बहुत ही common  समस्या है, जिसमें अक्षरों को पढ़ने और सीखने की समस्या होती है, इस समस्या में अक्षरों के लिखित रूप और उसके उच्चारण करने में परेशानी के कारण अक्षरों को पढ़ने पढ़ने एवं समझने की समस्या होती है।

एक अध्ययन के अनुसार हर साल लगभग एक करोड़ लोगों को डिस्लेक्सिया की समस्या देखने को मिलती है।
डिस्लेक्सिया में पढ़ना लिखना और शब्द का उच्चारण करना कठिन हो जाता है।

डिस्लेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, यह खराब पढ़ाई, निर्देश या पारिवारिक परिवेश का नतीजा नहीं है, हालांकि डिस्लेक्सिया चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डिस्लेक्सिया वाले हर कोई पढ़ना सीख सकते हैं, यदि उन्हें सही निर्देश प्राप्त हो।

 

डिस्लेक्सिया के प्रकार (Types of Dyslexia in Hindi)

डिस्लेक्सिया मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

  1. प्राथमिक डिस्लेक्सिया (Primary Dyslexia)
  2. माध्यमिक डिस्लेक्सिया (Secondary Dyslexia)
  3. आघात सम्बन्धी डिस्लेक्सिया (Trauma Dyslexia)

प्राथमिक डिस्लेक्सिया क्या होता है? (what is Primary dyslexia?)

प्राथमिक डिस्लेक्सिया, डिस्लेक्सिया का सबसे आम रूप है, प्राथमिक डिस्लेक्सिया आमतौर पर अक्षरों और संख्या की पहचान करने में कठिनाई होती है, पढ़ना तथा अंक गणित के रूप के सवालों को सॉल्व करना मापना तथा समय निर्देश समझना और अन्य गतिविधियां करना जो आमतौर पर मस्तिष्क के बाएं तरफ से की जाती है, इन गतिविधियों को करने में आमतौर पर प्राथमिक डिस्लेक्सिया से ग्रसित व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

माध्यमिक डिस्लेक्सिया क्या होता है? (what is Secondary Dyslexia?)

माध्यमिक डिस्लेक्सिया की बात करें, तो यह समस्या भ्रूण में मस्तिष्क के विकास की समस्याओं की वजह से होती है।
जिसमें शब्दों की पहचान करना तथा वर्तनी मात्राओं की पहचान करने की समस्याएं देखने को मिलती हैं। ज्यादातर देखा गया है कि बढ़ती उम्र के साथ माध्यमिक डिस्लेक्सिया की समस्या से निजात मिल जाता है।

आघात सम्बन्धी डिस्लेक्सिया क्या होता है? (what is Trauma Dyslexia?)

आघात संबंधित  से की बात करें, तो यह एक गंभीर बीमारी है, जो मस्तिष्क मैं किसी प्रकार की चोट लगने के कारण होती है।
इससे लक्षण की बात करें तो बच्चों में यह समस्या होने पर लगातार फ्लू एवं सर्दी या कान से संबंधित समस्याओं के कारण आघात संबंधी डिस्लेक्सिया देखने को मिलती है।

इस समस्या में बच्चे शब्दों की ध्वनि नहीं सुन पाते जिसके कारण उन्हें बोलने मात्राओं को स्पष्ट पहचान ने एवं पढ़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण क्या होता हैं? (what is Dyslexia Symptoms in Hindi?)

डिस्लेक्सिया के लक्षण की बात करें, तो इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जब बच्चे के स्कूल जाने की उम्र होने पर बच्चे के शिक्षक द्वारा सबसे पहले ध्यान दिया जा सकता है,की उस बच्चें को डिस्लेक्सिया है।

ज्यादातर अध्ययन में पाया गया है, कि बच्चे के स्कूल जाने के प्रारंभ में ही अक्षरों का उच्चारण करने में, बच्चा के वर्तनी उच्चारण में कठिनाई होने पर सामान्यता इसे डिस्लेक्सिया की समस्या माना जाता है।

स्कूल जाने की उम्र से पहले देखने वाले डिस्लेक्सिया के लक्षण नए शब्दों को सीखने में कठिनाई होना। कविताओं को पढ़ने में कठिनाई का सामना करना। अपनी उम्र से ज्यादा देर में बोलना शुरू करना। कम उम्र में देखने वाले डिस्लेक्सिया के लक्षण बातें सुनने के बाद भी समझने में समस्या होना। तेजी से बोले गए शब्दों को समझने में कठिनाई का सामना करना।

शब्दों तथा अक्षरों में अंतर स्पष्ट करने में समस्या होना। सेंटेंस का उच्चारण करने में समस्या का सामना करना। किशोरावस्था या वयस्कों में देखने वाले डिस्लेक्सिया के लक्षण विदेशी भाषा सीखने में समस्या होना।

नए शब्दों का उच्चारण करने में कठिनाई का सामना करना। टाइम मैनेजमेंट में कठिनाई का सामना करना। कहानी का संक्षिप्त वर्णन करने में दिक्कत होना। गणित में जोड़, घटाना तथा अंको को समझने में समस्या होना। चीजों को याद रखने में कठिनाई होना।

डिस्लेक्सिया से बचाव क्या हो सकते है? (what is Prevention of Dyslexia in Hindi?)

डिस्लेक्सिया से बचाव करने की बात करें, तो ये एक ऐसी बीमारी है, जिसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
यह एक अनुवांशिक समस्या है, जो बच्चे के गर्भावस्था के समय हो जाती है, लेकिन अगर बच्चे को बचपन में ही ध्यान दिया जाए तो उसे पढ़ने और लिखने में समस्या का सामना करने से निदान पाने में आसानी होगी।

डिस्लेक्सिया से ग्रसित बच्चे को आप जल्दी ही अगर विशेष शिक्षा की व्यवस्था करा दी जाए, तो उसे उतना ही जल्दी डिस्लेक्सिया जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा मिलेगा और उसकी पढ़ने तथा लिखने की समस्या पूर्णतया खत्म होगी।

Dyslexia

बोलना सीखना (learn speaking)

डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को बोलने में अधिक समय लगता है, वह शब्दों का गलत उच्चारण भी कर सकते हैं।
डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को शब्दों की पहचान करने में भी समस्या होती है, साथ ही गणित के उनको जोड़, घटाना, गुणा, भाग जैसी क्रियाओं को करने में भी उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसी स्थिति में उन बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें, अलग से समय देकर धीरे-धीरे पढ़ने का ज्ञान, शब्दों का ज्ञान, अंको की पहचान करना सिखाना चाहिए, जिससे उन्हें डिस्लेक्सिया जैसी समस्या से निजात मिल सके।

लिखना सीखना (learn writting)

डिस्लेक्सिया से ग्रसित बच्चे कागज पर संख्याओं का अक्षरों को अक्सर उल्टा लिख देते हैं। इसके अलावा डिस्लेक्सिया से ग्रसित कुछ बच्चे सीखने की प्रगति की ओर अपेक्षित पैटर्न का पालन नहीं कर पाते हैं। उदाहरण के लिए एक शब्द की वर्तनी सीख सकते हैं और अगले दिन उसे भूल भी सकते हैं।

ऐसी स्थिति में पढ़ाने के तरीके में थोड़े बदलाव की  आवश्यकता होती हैं, उन्हें शब्दों का ज्ञान को कराते समय शब्दों को धीरे- धीरे बोलना तथा उन्हें आज की पढ़ाई हुई चीजों को अगले दिन दोहराने की आदत डलवानी चाहिए। जिससे बार-बार एक ही चीज को पढ़ने से उन्हें वह लेसन या वाक्य अच्छे से याद हो जाए।

डिस्लेक्सिया का उपचार (Diagnosis of Dyslexia in Hindi)

डिस्लेक्सिया के इलाज की बात करें तो इसे ठीक करने का कोई खास तरीका नहीं है। डिस्लेक्सिया का आजीवन रहने वाली समस्या है, हालांकि विशिष्ट आवश्यकताओं और उचित उपचार करने के लिए  डिस्लेक्सिया जल्दी पता लगाएं और मूल्यांकन से डिस्लेक्सिया में सुधार लाने की कोशिश करें।

Dyslexia

डिस्लेक्सिया के लिए शैक्षिक तकनीक (Educational techniques of Dyslexia)

डिस्लेक्सिया के इलाज के लिए विशिष्ट शैक्षिक दृष्टिकोण और तकनीक का उपयोग किया जाता है। डिस्लेक्सिया की समस्या में बच्चे पर जितना जल्दी ध्यान देना शुरू किया जाता है उतना बेहतर माना होता है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण आपके बच्चे के शिक्षकों को एक उपयुक्त शिक्षण तथा कार्यक्रम विकसित करने में मदद करता है।

शिक्षक पठन के कौशल को बेहतर बनाने के लिए दृष्टि और स्पर्श से जुड़ी तकनीकीओं का उपयोग कर सकते हैं।
कुछ ऐसे उपचार जो आपके बच्चे को फोकस करने में मदद करेगा।

शब्दों को बनाने वाले सबसे छोटी ध्वनियों को पहचानना और उनका उपयोग करना और  बच्चे को सिखाना। यह समझने की कोशिश करें कि आपका बच्चा क्या पढ़ रहा है। मान्यता प्राप्त और समझे गए उसके द्वारा शब्दों की एक शब्दावली बनाएं। यदि उपलब्ध हो, तो रीडिंग विशेषज्ञ के साथ ट्यूशन सत्र डिस्लेक्सिया वाले कई बच्चों के लिए सहायक हो सकता है।

व्यक्तिगत शिक्षा योजना (personal educational policy)

संयुक्त राज्य अमेरिका में स्कूलों का कानूनी दायित्व है, कि वह अपने बच्चों को सीखने की समस्याओं के साथ डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए कदम उठाएं। एक लिखित योजना बनाने के लिए बच्चे के शिक्षक से बात करें, जो आपके बच्चे की जरूरतों की रूपरेखा तैयार करें साथ ही स्कूल उसके सफल होने मदद करें। इसे इंडिविजुअल एजुकेशन प्लान (IEP) कहा जाता है।

डिस्लेक्सिया का प्रारंभिक उपचार क्या हो सकता है? (what can be primary treatment of dyslexia?)

डिस्लेक्सिया वाले बच्चों को जो किंडर गार्डन या पहली कक्षा में अतिरिक्त सहायता प्राप्त करते हैं, अक्सर ग्रेड स्कूल और हाई स्कूल में सफल होने के लिए अपने पढ़ने के कौशल में सुधार करते हैं।

जिन बच्चों को बाद में ग्रेड कि मदद नहीं मिलती है, उन्हें अच्छी तरह से पढ़ने के लिए आवश्यक कौशल सीखने में अधिक कठिनाई हो सकती है।

गंभीर डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को पढ़ने में कभी-कभी आसानी नहीं होती है, लेकिन वह स्कूल के परफॉर्मेंस और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए रणनीतियों के सुधार तथा नीतियों को विकसित करने में कौशल सीख सकते हैं।

डिस्लेक्सिया से पीड़ित अपने बच्चों के लिए माता पिता क्या भूमिका अदा कर सकते हैं? (what can parent’s of dyslaxiac patients do for their children?)

आप अपने बच्चों को सफल होने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

बच्चे की समस्या का शीघ्र समाधान करें यदि आपको संदेह है कि आपके बच्चे को डिस्लेक्सिया है, तो अपने बच्चे के डॉक्टर से बात करें शुरुआती हस्तक्षेप से सफलता में सुधार हो सकती है।

Dyslexia

 

अपने बच्चे को जोर- जोर से  पढ़ाने का प्रयत्न करें

यह सबसे अच्छा है, कि जब आपका बच्चा 6 महीने का होता है या उससे भी छोटा होता है, अपने बच्चे के साथ रिकॉर्डेड किताबे सुनने की कोशिश करें।

जो आपका बच्चा काफी उम्र का हो जाए या कहें बुजुर्ग हो जाए तो बच्चे द्वारा उसकी बातें सुनने के बाद कहानियों को एक साथ पढ़े।

अपने बच्चे के स्कूल के साथ सहयोग करें

अपने बच्चे की शिक्षक से बात करें कि वो स्कूल में उसकी मदद कैसे करेगा। यह एक अच्छा तरीका है क्योंकि आप अपने बच्चे के सबसे अच्छे वकील हैं।

पढ़ने के समय अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें

पढ़ने के तरीके में सुधार करने के लिए, एक बच्चे को पढ़ाने का अभ्यास कराना चाहिए तथा अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

पढ़ने के लिए उदाहरण सेट करें

जब आपका बच्चा पढ़ता है, तब उसके खुद के विषयों को पढ़ने के लिए हर दिन का एक समय निर्धारित करें।

यह एक उदाहरण सेट करता है और आपके बच्चे का समर्थन करता है साथ ही अपने बच्चे को दिखाएं कि पढ़ना कितना आनंदमय हो सकता है।

डिस्लेक्सिया से पीड़ित वयस्क लोग क्या कर सकते हैं? (what can adultd dyslaxiac can do?)

डिस्लेक्सिया से जूझ रहे बच्चों के लिए रोजगार में सफलता मुश्किल हो सकती है, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए आप कुछ मुख्य बिंदुओं का अवश्य पालन करें। अपनी उम्र की परवाह किए बिना पढ़ने और लिखने के साथ मूल्यांकन एव निर्देशात्मक मदद लें।

शैक्षणिक समस्याओं का मतलब यह नहीं है कि डिस्लेक्सिया वाले व्यक्ति सफल नहीं हो सकते है। सभी संसाधनों को देखते हुए डिस्लेक्सिया वाले सक्षम छात्रों को आध्यात्मिक सफल होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। डिस्लेक्सिया से पीड़ित कई लोग रचनात्मक एवं गणित, विज्ञान एवं कला में काफी प्रतिभावान साबित होते हैं।

इस लेख के माध्यम से हमने डिस्लेक्सिया से संबंधित आपको सारी जानकारी देने की कोशिश की है, हम आशा करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया लेख पसंद आया होगा।
इसके अतिरिक्त भी अगर  डिस्लेक्सिया से रिलेटेड कोई संदेह आपके मन में हो तो कमेंट सेक्शन में जाकर हमें कमेंट कर के आप अपने संदेह का निवारण कर सकते हैं। हम आपके लिए सदा तत्पर हैं।
धन्यवाद।