बिल गेट्स ने पिछले कुछ सालों में कई बार कहा कि अगर कोई भी चीज एक करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों को आने वाले कुछ दशकों में मारती है तो वह कोई युद्ध नहीं बल्कि अति संक्रामक वायरस होगा।(1)
उन्होंने 2017 में यह भी कहा कि यह देखना बहुत ही आश्चर्यजनक है कि हम इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है।
COVID-19 की शुरुआत हुई तो china से थी पर अब तक या 165 से भी ज्यादा देशों में फैल चुकी है इसी कारण वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे महामारी घोषित कर दी है।
इस बीमारी को COVID-19 कहते हैं और यह नए कोरोनावायरस SARS-CoV-2 के इंफेक्शन से होता है जोकि मनुष्य में संक्रमित होने वाले कई कोरोनावायरस में से एक है।
अब तक कोरोना वायरस
- वैश्विक स्तर पर 235,000 से ज्यादा लोग 160 से ज्यादा देशों में इससे संक्रमित हो चुके हैं।
- 10000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
- भारत 46 वें स्थान पर है यहां पर 4 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस क्या है? (What is Corona virus in hindi)
कोरोना वायरस कई वायरस प्रकारों का एक परिवार है क्यों स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। मानव में यह स्वास्थ्य तंत्र संक्रमण करते हैं जो जानलेवा भी हो सकते हैं। इसका कोई टीका वैक्सीन या एंटीवायरल अभी तक उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी को अपने इम्यून सिस्टम पर निर्भर होना होता है। इसके होने पर व्यक्ति को रोग के लक्षणों जैसे डिहाइड्रेशन, बुखार आदि का उपचार किया जाता है ताकि इंफेक्शन से लड़ते हुए शरीर में इम्यून सिस्टम की शक्ति बनी रहे।
इस वायरस का नाम कोरोनावायरस क्यों पड़ा?
लैटिन भाषा में corona का अर्थ मुकुट होता है और इस वायरस के कणों के आसपास उभरे हुए कांटे जैसे दांतों से इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप में मुकुट जैसा आकार दिखता है, इसलिए इसका नाम कोरोनावायरस रखा गया है।
Corona वायरस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Corona virus in hindi)
- कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड यानी लक्षण प्रदर्शित होने का समय 2 से 14 दिन तक हो सकता है।
- अलग-अलग लोगों में उनके इम्यून सिस्टम के हिसाब से अलग अलग समय में लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
- 425 लोगों पर की गई स्टडी में इसका इनक्यूबेशन पीरियड 5.2 दिन पाया गया।
- 1324 के study में इनका इनक्यूबेशन एवरेज पीरियड 3 दिन पाया गया।
पहला दिन – व्यक्ति को बुखार होता है इसके साथ साथ चक्कर आना मसल पेन और सूखी खांसी भी होती है कुछ लोगों को डायरिया और उल्टी भी हो सकती है।
पांचवा दिन– व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है विशेषकर जब वे बुजुर्गों या फिर उन्हें पहले से सांस संबंधी बीमारी हो।
सातवां दिन– वुहान यूनिवर्सिटी के स्टडी के अनुसार किसी भी मरीज को सामान्यतः7 दिन लगते हैं हॉस्पिटल में एडमिट होने में।
आठवां दिन – इस समय तक गंभीर स्थिति वाले व्यक्तियों को एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम ( ARDS) हो जाता है यह तब होता है जब फेफड़ों में फ्लूट भरने लगता है।
दसवां दिन – अगर व्यक्ति में बहुत गंभीर लक्षण दिख रहे हैं तो इस वक्त बीमारी और फैलती है और व्यक्ति को आईसीयू में भी भर्ती करना पड़ सकता है। सिर्फ कुछ ही लोगों की मृत्यु होती है जो कि अभी तक सिर्फ 3.4 % है।
सत्रहवां दिन – औसतन व्यक्ति इस वायरस से डिस्चार्ज हो जाते हैं हॉस्पिटल से 2.5 हफ्तों में।
क्या हमें कोरोनावायरस को सीरियसली लेना चाहिए?
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने चेतावनी दी की “दुनिया की 70% आबादी कोरोनावायरस से ग्रसित हो सकती है“
- उन्होंने कहा कि “यह वायरस उस हद तक फैल जाएगा जब लोगों के पास कोई immunity नहीं बचेगी और कोई थेरेपी काम नहीं करेंगे और 70% तक आबादी इससे संक्रमित हो जाएगी”
- यूनाइटेड किंगडम के साइंस चीफ पैट्रिक वॉलैंस ने कहा की “अगर हम यूनाइटेड किंगडम में मौत के आंकड़ों को 20000 तक भी ले आए तो ब्रिटेन के लिए यह बेस्ट केस सिनेरियो होगा।”
हालांकि एहतियात के तौर पर सरकार ने स्कूल,कॉलेज,मॉल इत्यादि बंद कर दिए हैं पर लोग कोरोना वायरस से बचाव के लिए सिर्फ चिकन या अंडा खाना बंद करने तक ही इसे सीमित रख रहे हैं।
मात्र छह करोड़ की आबादी वाले देश इटली में अब तक 41000 से भी ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और यह संख्या 5000 प्रति व्यक्ति प्रति 24 घंटे की दर से भी बढ़ रही है। इटली में कुल 3405 मौतें हो चुकी है और देखने वाली बात यह होगी कि यह आंकड़ा कहां तक जाता है।
महत्वपूर्ण बात यह है की इस बीमारी का इनक्यूबेशन पीरियड 2 से 14 दिन है यानी कि आपको पता ही नहीं होगा कि अगला व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है या नहीं और ऐसे कितने लोग जो इसे हल्के में लेते हैं वह आपको शॉपिंग मॉल दुकाने जिम एवं अन्य जगह घूमते हुए मिल जाए आपको पता भी नहीं चलेगा।
भारत की आबादी 130 करोड़ से भी अधिक हैं अगर भारत में कोरोना वायरस फैल गया तो इसे रोकना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाएगा क्योंकि हमारी तैयारियां भी उतनी मजबूत नहीं है।
चलिए इस आउटब्रेक को कुछ ग्राफ के सहारे समझते हैं
Source –Worldometer – www.worldometers.info
भारत सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल को आइसोलेशन के लिए बेड अलग से रिजर्व रखने के लिए कहा है और कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए अलग से गाइडलाइंस जारी की है। (3)
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी सरकार ने प्रति जिले में 10 बेड रिजर्व करवाए हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक जनता कर्फ्यू का आग्रह किया है और अपील की है कि कोई भी इस वक्त अपने घर से बाहर ना निकले।
क्या कोरोना वायरस चिकन या अंडा खाने से फैलता है?
इस बात को सपोर्ट करने के लिए कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं है कि कोरोनावायरस चिकन मटन या सीफूड से फैलता है। पर एहतियात के तौर पर आप थोड़ा परहेज ही करें तो अच्छा होगा।
क्या गर्मियों में यह वायरस खत्म हो जाएगा?
पिछले संक्रामक रोग जैसे सार्स इत्यादि गर्मी में समाप्त हो गए थे इसी आधार पर कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह भी गर्मी में समाप्त हो जाएगा पर इस बात पर वैज्ञानिकों में बहुत ही मतभेद है और कोई इसका जवाब नहीं जानता कि यह शांत होगा या नहीं।
अगर यह गर्मियों में नहीं समाप्त हुआ तो इसका प्रकोप बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगा।
कोरोना वायरस से सिर्फ बुजुर्गों की मौत हो रही है ऐसा क्यों?
कोरोना वायरस से हर 100 मैं से 3.4 लोगों की मौत हो रही है यानी कि इसका मृत्यु दर 3.4% है जोकि डब्ल्यूएचओ ने बताया।
जैसा कि आप जानते हैं कि यह इम्यूनिटी सिस्टम को प्रभावित करता है तो बुजुर्गों में इससे संक्रमित होने एवं मृत्यु होने की संभावना काफी ज्यादा होती है पर ऐसा नहीं है कि किशोर लोग इससे बहुत सुरक्षित है।
Corona virus से मृत्यु (Death from Corona Virus)
क्या कोरोना वायरस से रिकवरी संभव है?
जी हां बिल्कुल कोरोना वायरस से रिकवरी बहुत हद तक संभव है अगर आप सही समय पर लक्षणों को पहचान कर हॉस्पिटल जाते हैं तो आप पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं क्योंकि इसका मृत्यु दर बहुत ही कम है पर उस दौरान आप दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं इसलिए इससे बचाव बहुत ही आवश्यक है।
कोरोना वायरस से कैसे बचें?
हाथ frequently धोते रहें (Wash your hands frequently) –
- सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें –
अगर कोई व्यक्ति जिसे खांसी हुई हो या जो काम हुआ हो उससे कम से कम 1 मीटर यानी तीन से चार फीट की दूरी बनाकर रखें। - आंखों नाक या मुंह को छूने से बच्चे क्योंकि हाथ कई सरफेस को टच करते हैं और उनमें वायरस हो सकते हैं और संक्रमित होने पर वह आपके आंखों नाक या मुंह के द्वारा आपके शरीर में जाकर आपको बीमार बना सकते हैं।
- जब भी खांसी या छींक आये अपने बाजू का इस्तेमाल करें।
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