हाई कोलेस्ट्रोल लेवल के बारे में सुनने मात्र से ही एक प्रकार का भय पैदा होने लगता है, कि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल होता क्या है? तो आज हम आपके लिए इस आर्टिकल के माध्यम से आपको यह बताएंगे कि आखिर कोलेस्ट्रॉल लेवल क्या होता है? इसके शरीर में बढ़ने पर हमारे शरीर में किस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कोलेस्ट्रोल क्या होता है? (What is Cholesterol in Hindi?)
कोलेस्ट्रोल एक लिपिड का पार्ट होता है, जो हमारे शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। कोलेस्ट्रोल हमारे शरीर के प्रत्येक कोशिका की बाहरी परत में पाया जाता है, आप इसे एक प्रकार का चिकना स्टेरॉयड भी कर सकते हैं जो पूरे शरीर में ब्लड प्लाज्मा के माध्यम से ट्रांसपोर्ट होता है।
कोलेस्ट्रोल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं (2 types of Cholestrol)
- लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (L.D.L)
- हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (H.D.L)
लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) क्या होता है? (What is LDL Cholesterol in Hindi?)
कम घनतव वाले लिपोप्रोटीन को अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रोल को ले जाता है, यदि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कॉलेस्ट्रोल का लेवल आपके शरीर में बहुत अधिक मात्रा में हो तो यह आपकी धमनियों में वॉल्स का निर्माण कर सकता है।
धमनियों में बॉल्स के निर्माण के कारण यह आपके रक्त प्रवाह को सीमित कर सकता है, और आपके शरीर में रक्त केटक्को का निर्माण कर सकती है, जो आपके सभी के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।
यदि यह रक्त का थक्का आपके दिल या मस्तिष्क में धमनियों के द्वारा रोक दिया तो इसके दुष्परिणाम स्वरूप आपको स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की संभावना है काफी बढ़ जाती हैं।
Centers for disease control and prevention trusted source के अनुसार एक तिहाई से अधिक अमेरिकी वयस्कों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा पाया गया है, जो कि आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।
हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) क्या होता है? (What is HDL Cholesterol in Hindi?)
उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन को कभी-कभी अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह आपके शरीर में हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल को आपके दिल में वापस लाने में मदद करता है। यह आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल पट्टीका को निर्माण को रोकने में मदद करता है।
अगर आपके शरीर में हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन का लेवल ज्यादा होता है, तो यह आपके रक्त के थक्के को हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रोल का काम क्या होता है? (What is a work of Cholesterol in Hindi?)
कोलेस्ट्रोल कोशिकाओं की बाहरी परत का निर्माण करता है और उनका रखरखाव करता है। कोलेस्ट्रोल इस बात का भी ध्यान रखता है कि कौन से कोशिका में प्रवेश करें और कौन से नहीं। कोलेस्ट्रॉल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन और एस्ट्रोजन के निर्माण में भी भाग लेता है।
कोलेस्ट्रोल सूर्य की किरणों को विटामिन डी में बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वसा में विटामिन की बात करें तो विटामिन ए, विटामिन डी, और विटामिन के मुख्य रूप से इसके अंतर्गत आते हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स क्या होता है? (What is Triglycerides in Hindi?)
ट्राइग्लिसराइड्स एक अलग प्रकार लिपिड है, जो कि कोलेस्ट्रॉल से अलग होता है, जबकि आपका शरीर कोशिकाओं और कुछ हारमोंस के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रोल का उपयोग करता है। यह ऊर्जा के स्रोत के रूप में ट्राइग्लिसराइड्स का उपयोग करता है।
जब आप अपने शरीर की तुलना में अधिक कैलोरी खाते हैं, तो वह तुरंत उपयोग कर सकते हैं या उन कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में परिवर्तन करता है या ट्राइग्लिसराइड्स आपके शरीर पर वसा कोशिकाओं में जमा होता है। यह आपके रक्त प्रवाह के माध्यम से ट्राइग्लिसराइड्स को प्रसारित करने में लिपोप्रोटीन का भी उपयोग करते हैं।
यदि आप नियमित रूप से अपने शरीर की तुलना में अधिक कैलोरी खाते हैं, तो आपके ट्राइग्लिसराइड्स का अस्तर बढ़ सकता है।
इसके दुष्परिणाम स्वरूप देखा जाए तो आपको हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण क्या हो सकते हैं? (What is a causes of High cholesterol in Hindi?)
बहुत अधिक खाद्य खाने से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल संतृप्त वसा और ट्रांस वसा में उच्च कोलेस्ट्रॉल इन खतरा बढ़ सकता है, अगर आप धूम्रपान का सेवन करते हैं, तो आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
अनुवांशिक रूप से भी आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है। अगर आपके माता-पिता से बच्चों में जिनके माध्यम से यह शामिल होने की संभावना ज्यादातर देखने को मिलती है। यदि आपके माता-पिता के शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या अगर हो तो आपको भी हाई कोलेस्ट्रॉल होने की समस्या बढ़ सकती है।
ज्यादा तर मामलों में उच्च कोलेस्ट्रॉल पारिवारिक हाइपर्कोलस्ट्रोलीमिया के कारण होता है या अनुवांशिक समस्या आपके शरीर में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन को खत्म करने से रोकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के मुख्य कारण ( Main Causes of high Cholesterol in Hindi)
- वंशानुगत कारण
- ज्यादा मोटापा
- स्मोकिंग या धूम्रपान
- दवाइयों का अधिक मात्रा में सेवन
- शराब का सेवन
- तनाव
कोलेस्ट्रोल क्यों जरूरी है? (Why Cholesterol is importent in Hindi?)
कोलेस्ट्रॉल शरीर के क्रियाकलाप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह कोशिकाओं की पर्वतों का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को अच्छा कोलेस्ट्रोल तथा लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन को बुरा कोलेस्ट्रोल के नाम से जाना जाता है।
लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन को बुरा इसलिए कहते हैं, क्योंकि यह कोरोनरी धमनियों में रुकावट उत्पन्न करता है, जिससे रक्त संचार में रुकावट उत्पन्न होती है और जिसके फलस्वरूप आपको हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक जैसी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल को इसलिए अच्छा अच्छा कहते हैं, क्योंकि यह धमनियों में अवरोध बनने से रोकता है, जिसके फलस्वरूप आपके शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से हो हो पाता है, जिसके कारण हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या की संभावनाओं को कम करता है।
कोलेस्ट्रोल बढ़ने के मुख्य लक्षण (Main symptoms of increasing Cholesterol in Hindi)
रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारणों को मुख्य तीन भागों में बांटा गया है।
- कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले आहार यानी वसायुक्त खाद्य पदार्थ का अधिक मात्रा में लगातार सेवन करना।
- मेटाबॉलिज्म सिस्टम जब लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन की मात्रा को पर्याप्त रूप में रक्त से बाहर नहीं निकाल पाता तुरंत में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है।
- तीसरी स्थिति की बात करें तो जब लीवर कॉलेस्ट्रोल को अधिक मात्रा में शरीर में बनाने लगता है।
इन कारणों को यदि नियंत्रण में रखा जाए तो आपके शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या उत्पन्न नहीं नहीं होगी इसलिए अपने सेहत का ध्यान रखने के लिए ज्यादा वसा युक्त खाने का सेवन कम से कम करें।
कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कब करवाएं? (When to get tested Cholesterol in Hindi?)
यदि आपकी आयु 20 वर्ष या उससे अधिक है तो अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार आपको कोलेस्ट्रॉल का स्तर हर 4 से 6 साल में एक बार जांच करवाने की सलाह दी जाती है।
अगर आप हृदय रोग उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित हो तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श अनुसार कोलेस्ट्रोल का स्तर एक से अधिक बार जांच करवाने के लिए डॉक्टर द्वारा परामर्श दिया जाता है।
आपके डॉक्टर आपके कुल कोलेस्ट्रोल के अस्तर साथ ही आपके लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल तथा हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के अस्तर को मापने के लिए एक लिपिड पैनल का उपयोग कर सकते हैं।
आपके कुल कॉलेस्ट्रोल की कुल मात्रा इसमें लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन और high-density लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल शामिल है। यदि आपके शरीर में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल का अस्तर बहुत अधिक हो तो आपके शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण इसके परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं, इसके फल स्वरूप आपके शरीर में हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन का भी स्तर बहुत कम हो सकता है।
शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने के घरेलू उपाय (Home remedies to redues high Cholesterol in body in Hindi)
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए करें प्याज का सेवन (Use onion to redues Cholesterol in Hindi)
अगर आपको शुगर, हाई बीपी, किडनी से संबंधित बीमारी या लीवर से जुड़े लोगों की समस्या से ग्रसित हो, तो आपको प्याज का सेवन अपने दैनिक जीवन में अवश्य करना चाहिए।
हांगकांग के वैज्ञानिकों के अनुसार पाया गया है, कि प्याज खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसलिए आपको इन गंभीर समस्याओं से निरोग रहने के लिए प्याज का सेवन अपने दैनिक जीवन में आहार स्वरूप अवश्य ग्रहण करना चाहिए ।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें आंवले का सेवन (Use amala to redues Cholesterol in Hindi)
आंवला एक प्राकृतिक हाइपोलिपिडिसिक के रूप में कार्य करता है, जो हाई बीपी डायबिटीज, किडनी रोग, जैसी गंभीर समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
आंवले का चूर्ण बनाकर गर्म पानी में मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से आपको हार्ड अटैक, स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं से निजात मिल सकता है। इसलिए आंवले का सेवन अपने दैनिक जीवन में अवश्य करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें एप्पल साइडर विनेगर का सेवन (Use apple cider vinegar to redues Cholesterol in Hindi)
एप्पल साइडर का सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड के अस्तर को कम करने में मदद मिलती है तथा आपके शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने का अच्छा विकल्प एप्पल साइडर विनेगर को माना जाता है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर इसका सेवन रोजाना खाली पेट करें, तो इसके सेवन से आपके शरीर में बड़े हुए हाई कोलेस्ट्रोल कि समस्या से निजात मिलेगा।
कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए करें नारियल के तेल का उपयोग (Use coconut oil to redues Cholesterol in Hindi)
नारियल के तेल के सेवन से आपके शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का लेवल की मात्रा ही कमी आएगी।
नारियल के तेल में लैक्टिक एसिड पाया जाता है, जिसके फल स्वरुप आपके शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा मैं बढ़ोतरी होती है, इसलिए आपको अपने दैनिक जीवन में कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात पाने के लिए नारियल के तेल का उपयोग अपने दैनिक जीवन में जरूर करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें ओट्स का सेवन (Use oats to redues Cholesterol in Hindi)
अगर आप हार्ट की समस्या से परेशान हैं तो आप इससे से निजात पाने के लिए ओट्स का सेवन जरूर करना चाहिए। ओकेट्स के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन अपने दैनिक दिनचर्या में जरूर करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए करें मछली के तेल का सेवन (Use fish oil to redues Cholesterol in Hindi)
मछली के तेल की बात करें तो सेलमन, मैकेरल जैसी मछलियों जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इस तेल के सेवन से आपके खून में वसा कम करने और ह्रदय रोगों से रोकने में मदद करता है। हाई बीपी स्ट्रोक हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं की संभावनाओं को कम करता है।
आशा करते हैं हमारे द्वारा हाई कोलेस्ट्रॉल पर लिखा गया लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कोलेस्ट्रोल क्या होता है? इसके कितने प्रकार होते हैं?
इसके होने के कारण क्या हो सकते हैं तथा इसके घरेलू उपचारों के बारे में हमने विस्तृत रूप से बात की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी आपके मन में हाई कोलेस्ट्रोल को लेकर किसी भी प्रकार का प्रश्न जो आपके मन में उठ रहा हो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं हम आपके लिए सदैव तत्पर हैं।
धन्यवाद।।