भारत में हल्दी का उत्पादन विश्व के अन्य देशों के मुकाबले अधिक मात्रा में होता है, यही कारण है की भारत अन्य देशों में काफी अधिक मात्रा में हल्दी का निर्यात भी करता है। विश्व का 80% हल्दी का उत्पादन भारत अकेले ही करता है इसका कारण है कि भारत के हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक पाई जाती है।

पिछले कई वर्षों से खासकर भारतीय घरों में हल्दी का उपयोग मसालों के रूप में हो रहा है। इसके अलावा भारत में हल्दी को मसालों अथवा औषधि के रूप में विशेष प्राथमिकता दी जाती है। हल्दी का वनस्पतिक नाम कुरकुमा लौंगा (curcuma longa) है।

हल्दी में करक्यूमिन नामक रसायनिक तत्व मौजूद होता है। जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। आइए जानते हैं हल्दी के नियमित सेवन से हमारे स्वास्थ्य को किस प्रकार लाभ पहुंचता है।

1. हल्दी का सेवन गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है (Turmeric intake is beneficial for arthritis patients)

ज्यादातर मामलों में 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में गठिया का होना स्वाभाविक माना गया है। गठिया के अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं। गठिया का एक प्रकार है रियूमेटॉइड गठिया इस प्रकार का गठिया होने पर व्यक्ति के जोड़ों में अत्यधिक सूजन हो जाता है ऐसे में नियमित रूप से दूध में हल्दी को मिलाकर पीने से मांसपेशियों में लचीलापन बरकरार रहता है और सूजन में कमी देखी जा सकती है।

यदि आप जोड़ों में दर्द अथवा सूजन की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको नियमित रूप से हल्दी का सेवन करना चाहिए। क्योंकि अध्ययनों में पाया गया है कि गठिया तथा सूजन कम करने में हल्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2. हल्दी अल्जाइमर रोग उपचार के लिए फायदेमंद है (Turmeric is beneficial for Alzheimer’s disease treatment)

अल्जाइमर एक प्रकार की मानसिक बीमारी है जिसकी शुरुआत काफी धीमी गति से होती है अल्जाइमर की शिकायत खासकर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखा गया है लेकिन आजकल युवा भी इस मानसिक बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं।

अल्जाइमर बीमारी का कारण क्या हो सकता है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार को अपनाकर कुछ हद तक रोका जा सकता है।

हल्दी में पाए जाने वाला तत्व करक्यूमिन अल्जाइमर का रोकथाम किया जा सकता है। नैनो आकर होने के कारण हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व दिमाग तक आसानी से पहुंच जाता है। जो अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति का याददाश्त बनाए रखता है।

3. हल्दी का सेवन कैंसर से रोकथाम कर सकता है (Turmeric intake can prevent cancer)

जैसा कि हम सभी जानते हैं, कैंसर एक बेहद ही गंभीर बीमारियों में से एक है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ कैंसर को हल्दी में मौजूद करक्यूमिन की मदद से रोका जा सकता है।

अध्ययन में पाया गया कि कैंसर का इलाज हल्दी में मौजूद करक्यूमिन से किया जा सकता है इसके अलावा यह आणविक स्तर पर कैंसर के विकास में बाधा उत्पन्न करता है।

अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि कैंसर की कोशिकाएं व्यक्ति के मृत्यु में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वही अध्ययनों में यह भी पाया गया की हल्दी में कैंसर की कोशिकाओं को कम करने की क्षमता मौजूद है।

हालांकि एक एक दिन ऐसा भी आएगा जब करक्यूमिन की मदद से कैंसर जैसे जटिल रोग का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा हल्दी के नियमित सेवन से प्रोस्टेट कैंसर के विकास को रोका जा सकता है क्योंकि हल्दी में मौजूद औषधीय गुण कैंसर के गुण को बढ़ने नहीं देते हैं लेकिन अभी इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गई है। इसके पीछे विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन अभी जारी है।

4. हल्दी का सेवन ह्रदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है (Turmeric consumption may reduce the risk of heart disease)

पूरी दुनिया में होने वाले मौतों में एक तिहाई कारण है हृदय से संबंधित रोग का होना है आपका आहार हृदय को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स, कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकते हैं जो आपके हृदय रोग के जोखिम का कारण बन सकता है।

शोधकर्ताओं ने कई वर्षों तक हेल्दी पर शोध किया और पाया कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक रसायनिक तत्व हृदय रोग जैसे जटिल रोग के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एंडोथेलियल डिसफंक्शन हृदय रोग का एक प्रमुख चालक है, और इसमें ब्लड प्रेशर, खून के थक्के और अन्य कई कारकों को विनियमित करने के लिए आपके एंडोथेलियम की अक्षमता शामिल है।

कई अध्ययनों से पता चलता है कि कर्क्यूमिन एंडोथेलियल फ़ंक्शन में काफी तक सुधार कर सकता है। इसके अलावा हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट और एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो आपको भिन्न-भिन्न प्रकार के रोग अथवा संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

5. हल्दी के सेवन से अवसाद को दूर होता है (Consumption of turmeric relieves depression)

अवसाद यानी कि डिप्रेशन यह एक मानसिक विकार है जिससे आज के समय में हर उम्र के व्यक्ति ग्रसित हो रहे हैं और यह एक बेहद ही गंभीर समस्या है। इसके स्पष्ट कारण क्या हो सकते हैं वैज्ञानिक अभी इसके बारे में पता लगा रहे हैं। कुछ हद तक इसके लिए अनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार है।

ऐसे में विशेषज्ञ आपको दवाओं से पहले घरेलू उपचार की सलाह देते हैं, एक शोध में पाया गया कि अवसाद यानी डिप्रेशन के दौरान यदि नियमित रूप से हल्दी का सेवन किया जाए तो यह आपके लिए एंटी डिप्रेशन के तौर पर कार्य करेगा लेकिन ऐसा करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता है।

अध्ययन में अवसाद से ग्रसित 60 लोगों को तीन समूह में बांटा गया एक समूह को प्रोज़ैक (anti depression pills) दूसरे समूह को एक ग्राम करक्यूमिन और तीसरे समूह को प्रोज़ैक और करक्यूमिन दोनों ही दिया गया ठीक 6 सप्ताह बाद जो व्यक्ति करक्यूमिन का सेवन कर रहा था उसके सेहत में काफी हद तक सुधार हुआ जो व्यक्ति प्रोज़ैक (anti depression pills) उसके भी सेहत में काफी सुधार देखा गया लेकिन प्रोज़ैक और करक्यूमिन दोनों लेने वाले व्यक्ति में अन्य की अपेक्षा बहुत सुधार देखा गया था। अर्थात इससे स्पष्ट होता है कि अवसाद के लिए हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कितना फायदेमंद है।

6. हल्दी का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छा होता है (Turmeric intake is good for the immune system)

मानव शरीर के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) का मजबूत होना बेहद जरूरी माना गया है। जिस व्यक्ति का प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होता है उसे भिन्न भिन्न प्रकार की बीमारियां तथा संक्रमण अन्य की अपेक्षा जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है।

हल्दी में लाइपोपॉलीसकराइड (lipopolysaccharide) नामक एक पदार्थ पाया जाता है। जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में हमारी मदद करता है।

इस पदार्थ में मौजूद एंटीवायरल और एंटीफंगल एजेंट हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। जिस व्यक्ति का प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होता है उसे सामान्य तौर पर होने वाली सर्दी जुखाम फ्लू आदि की समस्या ना के बराबर होती है।

आप सर्दी खांसी जुखाम जैसी सामान्य समस्याओं से ग्रसित है तो एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शीघ्र राहत मिलता है। ऎसा करने से आपको बेहतर महसूस होगा।

7. हल्दी का सेवन टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करता है (Turmeric intake controls type 2 diabetes)

हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और anti-inflammatory गुण टाइप 2 डायबिटीज के अस्तर को काफी हद तक कम कर सकता है। अनियंत्रित जीवनशैली और अनावश्यक आहार किसी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसके वजह से रक्त में इंसुलिन की मात्रा बढ़ने लगता है।

जो व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल ही अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में आप हल्दी का सेवन करके शरीर में इंसुलिन के स्तर को कम कर सकते हैं।

एक शोध के अनुसार पाया गया की हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक रासायनिक तत्व रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करके टाइप 2 डायबिटीज को बढ़ने से रोकता है। हालांकि अधिक मात्रा में हल्दी के सेवन से हाइपोग्लाइसीमिया अर्थात लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है।

यदि आप नियमित रूप से टाइप 2 डायबिटीज की दवाइयों के साथ हल्दी का सेवन कर रहे हैं, तो इसकी जानकारी सबसे पहले अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।

8. हल्दी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है (Turmeric is beneficial for the skin)

पिछले कई वर्षों से लोग हल्दी का उपयोग मसालों तथा सौंदर्य प्रसाधनों (Beauty products) के लिए कर रहे हैं। मुख्य रूप से हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक बायोएक्टिव घटक है,इसके अलावा हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जिसे त्वचा की भी बेहद अच्छा माना जाता है।

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है की हल्दी में प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा चमक को बरकरार रखता है। क्योंकि हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है।

9. हल्दी वजन को घटाने में मदद करता है (Turmeric helps in weight loss)

हमारा बढ़ा हुआ वजन अलग-अलग प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधित रोग, स्ट्रोक आदि यही कारण है कि स्वस्थ रहने के लिए अपने वजन को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है। यदि आपको पाचन से संबंधित समस्या है तो वजन को कम करना आपके लिए एक चुनौती साबित हो सकता है।

हालांकि शोध से पता चलता है कि करक्यूमिन में पाचन शक्ति मजबूत करने और वजन को कम करने की क्षमता है। हल्दी शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाने का कार्य करता है। की वजह से शरीर का पाचन तंत्र नियंत्रित रहता है।

10. हल्दी लिवर डिटॉक्सिफिकेशन के लिए अच्छा होता है (Turmeric is good for liver detoxification)

लिवर डिटॉक्स जिसे लीवर को शुद्ध करके के रूप में जाना जाता है इस क्रिया में रक्त से विषाक्त पदार्थ को निकाला जाता है जिससे हमारी पाचन क्रिया मजबूत होती है लीवर का स्वस्थ रहना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

हाल ही में हुए अध्ययन से पता चलता है की करक्यूमिन में मौजूद एंटीवायरल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं। जो लिवर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

कुछ शोध बताते हैं कि करक्यूमिन की एंटीऑक्सिडेंट गतिविधि शरीर में एक (detox) एजेंट के रूप में व्यवहार करके लिवर के स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है, यकृत रोग के जोखिम को कम कर सकती है।

यह शोध सकारात्मक समाचार लाता है, यदि आप लिवर की सफाई के लिए एक प्राकृतिक तरीका ढूंढ रहे हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

हमने आपको अपनी इस आर्टिकल के माध्यम से हल्दी के 10 मुख्य फायदों की जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा लिखा हुआ यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल उत्पन्न हो रहा है। तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अवश्य जानकारी दें हम आपकी सेवा में सदैव तत्पर हैं।

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