आइए आज हम बात करते हैं कि विटामिन क्या होता है, यह कितने प्रकार के होते हैं, विटामिन A, B,C,D,K के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह सब विटामिन किस- किस में पाया जाता है।इस बारे में जानेंगे तो हम सबसे पहले बात करते हैं कि विटामिन क्या होते हैं।

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विटामिन क्या होता हैं।

विटामिन वे पोषक तत्व होते हैं जो हमारी अनेक बीमारियों से रक्षा करते हैं। विटामिन रसायनिक कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनका निर्माण हमारा शरीर खुद नहीं करता बल्कि हमें भोजन के द्वारा लेना पड़ता है। विटामिन हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होते है।

विटामिन दो प्रकार के होते हैं वसा में घुलनशील विटामिन और जल में घुलनशील विटामिन वसा में घुलनशील विटामिन वे होते है जो हमारे शरीर की वसा कोशिकाओं में जमा होते हैं। जो कि हमारे शरीर में कई महीनों तक रहते हैं ।

जल में घुलनशील विटामिन वे विटामिन होते हैं विटामिन हमारे शरीर में जमा नहीं हो पाते हैं, जिनको हमें अपने दैनिक जीवन में रोज लेना होता है, क्योंकि यह हमारे शरीर में हमारी भोजन की जरूरतों को पूरा कर लेने के बाद हमारे शरीर में जो अपशिष्ट पदार्थ बचता है उसको मूत्र के द्वारा बाहर निकाल देता है।

विटामिन के प्रकार

विटामिन 6 प्रकार के होते हैं पर हम इस लेख में मुख्य चार विटामिन के बारे में बात करेंगे

विटामिन A, B,C, D,K के आइए हम जानेंगे इन सभी विटामिंस के बारे में विस्तार से।

विटामिन A

इस का रासायनिक नाम रेटिनाँल है। इसको Antixerophthalmic विटामिन भी कहते हैं। इसकी कमी से हमारे शरीर में रतौंधी( Night bilndness) और जीरोप्थैलमिया नामक रोग हो जाते हैं। यहां विटामिन हमे संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।यह हमारी आंखों के लिए बहुत ही उपयोगी विटामिन होता है। विटामिन ए के अभाव में शरीर का विकास बेहतर ढ़ग से नहीं हो पाता है। जैसे कि लंबाई कम होना । इस विटामिन के स्रोत हैं दूध, अंडा, पनीर, हरी सब्जी, के तेल मे पूर्ण रूप से पाया जाता है।

विटामिन B

विटामिन B के अनेक रूप होते हैं। विटामिन जल में घुलनशील विटामिन होता है। विटामिन B के अनेक रूप होने के कारण इसको विटामिन B कांपलेक्स भी कहा जाता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है ।

विटामिन B1

इसका रासायनिक नाम थायमिन है। इसकी कमी से शरीर में बेरी- बेरी नामक रोग होता है। यह विटामिन मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है। इसके स्त्रोत है- मूंगफली, तिल ,सूखा मिर्च ,बिना धुली दाल, यकृत, अंडा ,आदि।

विटामिन B2

इसका रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन है। इसकी कमी से शरीर में त्वचा का फटना, आंखों का लाल होना जैसे रोग होने की समस्या देखने को मिलती है। इसके स्त्रोत है- खमीर, कलेजी, मांस ,हरी सब्जियां ,दूध आदि।

विटामिन B3

इसका रासायनिक नाम निकोटिनैमाइड या नियासिन है। इसकी कमी से प्लेग्रा ( त्वचा दाद) 4D सिंड्रोम नामक रोग होते हैं। यह विटामिन रक्तचाप को नियंत्रित करता है।सर दर्द व दस्त को कम करता है। इसके स्त्रोत हैं- मांस, मूंगफली, आलू, टमाटर,हरी एवं पत्ते वाली सब्जियां आदि।

विटामिन B5

इसका रासायनिक नाम पैंटोथैनिक अम्ल है। किसकी कमी से बाल सफेद होना, मंदबुद्धि होना जैसे रोग होने की समस्या देखने को मिलती है। यह विटामिन हमारे शरीर का तनाव भी कम करता है। इसके स्रोत है- गन्ना, शहद, जूस, दूध, मांस आदि।

विटामिन B6

इसका रासायनिक नाम पाइरीडाक्सिन है। इसकी कमी से एनीमिया, पेचिश जैसे रोग होने की समस्या देखने को मिलती है। यह विटामिन हमारे शरीर में सुबह की थकान को कम करता है। और हमे नींद की कमी को दूर करता है। इसके स्त्रोत है- यकृत, मांश ,अनाज आदि ।

विटामिन B7

इसका रासायनिक नाम बायोटीन है। इसकी कमी से लकवा, बालों का गिरना, शरीर में दर्द जैसे रोग होने की समस्या देखने को मिलती है। इसके स्त्रोत- अंडा, दूध ,सब्जी आदि ।

विटामिन B9

इसका रासायनिक नाम फोलिक अम्ल है। इसकी कमी से एनीमिया, पेचिश जैसे रोग होने की समस्या देखने को मिलती है। यहां विटामिन गठिया के उपचार के लिए बहुत ही आवश्यक है।विटामिन बी 9 गर्भवती महिलाओं के लिए भी आवश्यक है। इसके स्त्रोत है- दाल, सब्जी,सेम आदि।

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विटामिन B12

इस का रासायनिक नाम साइनोकाबालमिन है। इसकी कमी से पांडु रोग होता है ।यह मुंह में अल्सर जैसी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके स्रोत है- मांस , दूध, मछली आदि।

विटामिन C

इसका रसायनिक नाम एस्कॉबिक एसिड है। इसकी कमी से स्कर्वी व मसूड़े में सूजन आना जैसे रोग होते हैं।यह हमारी हड्डियों के लिए भी आवश्यक विटामिन है। यह विटामिन अधिकतर खट्टे फलों में पाया जाता है।

यह गर्भवती महिलाओं व धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए काफी जरूरी है। यह विटामिन हमारी खून की नसों को मजबूत करता है ।अगर हमारे शरीर में विटामिन C की कमी होने लगती है तो हमारा वजन भी कम होने लगता है। इसकी कमी होने पर गुर्दे की पथरी भी हो सकती है। इसके स्त्रोत हैं- नींबू, संतरा, नारंगी, टमाटर ,खट्टे पदार्थ ,अंकुरित अनाज आदि।

विटामिन D

इसका रासायनिक नाम कैल्सिफेराँल है। यह विटामिन हमारी त्वचा में ही बनता है। इसके कमी होने पर बच्चों में सूखा रोग(rickets), वयस्कोंमें अस्थिमृदुता(osteomalacia) रोग हो जाते हैं। यहां विटामिन वसा में घुलनशील विटामिन होता है। विटामिन D हमें सूरज की रोशनी से भी मिलता है।

यह विटामिन हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इस विटामिन की कमी पूरी करने के लिए हम विटामिन D का कैप्सूल भी ले सकते हैं। यह हमरे शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है इसके स्त्रोत है- मछली का तेल, मछलीकृत तेल,दूध, अंडे का पीला भाग, विटामिन D युक्त दूध व बटर इसके अच्छे स्त्रोत हैं।

विटामिन E

इसका रासायनिक नाम टोकोफेराँल है। इसकी कमी से हमारी प्रजनन शक्ति कमजोर हो जाती है जिससे लीवर रोग होने की समस्या हो सकती हैं, ऐसी स्थति में विटामिन ई लेने की सलाह दी जाती है । नवजात शिशु में विटामिन ई की कमी से खून की कमी हो सकती है। यह हमारे शरीर के अंगों को समान रूप से बनाए रखने में मदद करता है। इसके स्त्रोत हैं- हरि पत्ते वाली सब्जी, दूध, मक्खन, अंकुरित गेहूं आदि।

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विटामिन K

इसका रासायनिक नाम फिलोक्विनोन है इसकी कमी से रक्त का थक्का नहीं बनता है। यहां विटामिन आंतरिक रक्तस्राव अत्यधिक मासिक धर्म प्रवाह और मासिक धर्म में दर्द को रोकने के लिए आवश्यक कारक है। यह विटामिन दिल की बीमारी से हमें बचाता है।

विटामिन K लीवर, मुंह, प्रोटेस्टेंट कैंसर जैसे गंभीर रोग से लड़ने में हमारी मदद करता है ।विटामिन k हमारे शरीर में कैल्शियम को फैलाने में मदद करता है और रक्त का थक्का बनाए रखने में में मदद करता है। इसके स्त्रोत हैं- टमाटर, हरी सब्जियां ,पालक, चुकंदर ,साग, जैतून का तेल, जौ आदि।

सोर्स ऑफ विटामिन सी

अगर हम बात करें कि विटामिन सी के सोर्सेस की तो जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे कि विटामिन सी मुख्य तौर पर खट्टे फलों में पाया जाता है, जैसे कि संतरा, कीवी, अमरुद, अंगूर, ब्रोकली, फूलगोभी, शिमला मिर्च यह विटामिन सी के पमुख्य सोर्स हैं जिनका सेवन कर आप अपने शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

सोर्स ऑफ विटामिन ए इन हिंदी

विटामिन ए के सोर्सेस की बात की जाए की तो विटामिन ए दूध, अंडा, सालमन मछली,शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियों में पूर्ण रूप से पाया जाता है।

विटामिन d की अधिक मात्रा के साइड इफेक्ट

आप सभी जानते होंगे कि किसी भी चीज की अधिकता हमारे लिए नुकसानदायक ही होती है, उसी तरह जब हमारे शरीर में विटामिन डी आवश्यकता से अधिक हो जाता है तो उसके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट भी होते हैं जो इस प्रकार हैं-
1. विटामिन डी जब हमारे शरीर में अधिक मात्रा में हो जाता है तो इससे हमारी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं।
2. विटामिन डी कीओवरडोज कुछ कुछ मामलों में हृदयाघात के खतरे को भी बढ़ाती है।
3. गर्भवती महिलाएं अगर अधिक मात्रा में विटामिन d का सेवन कर लेती तो गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. विटामिन डी की ओवरडोज लेने पर किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन सी की कमी से रोग

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है। स्कर्वी रोग होने पर मसूड़ों से खून आना, थकान महसूस होना, मांसपेशियों का कमजोर होना, हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द होना, टांगों पर चकत्ते पडना जैसी समस्याएं होती हैं।

विटामिन के सोर्सेस

अगर आपके शरीर में विटामिन के की कमी हो गई है तो आप तो विटामिन के से युक्त युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें विटामिन k के सोर्सेस है हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, शलजम का साग, सरसों का साग , गोभी, मछली, मांस, अंडे आदि हैं।

विटामिन सी के लाभ

विटामिन सी का सेवन करने से हमारे शरीर को बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे कि हृदय रोगों की संभावना कम होना, कैंसर का खतरा कम होना, अस्थमा, जोड़ों में दर्द की समस्या कम होना, एलर्जी एवं तनाव से भी बचाव किया जा सकता है।

विटामिन ए फूड्स इन हिंदी

अगर विटामिन ए फूड्स की बात करें तो विटामिन ए हरी पत्तेदार सब्जियों, ब्रोकली, दूध, अंडा, ब्रोकली आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

विटामिन B12 के स्रोत

विटामिन B12 अंडा, चिकन, मछली, योगार्ट, पनीर लो फैट मिल्क के द्वारा विटामिन B12 प्राप्त किया जा सकता है।

विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग

जब हमारे शरीर में विटामिन E की कमी हो जाती है तो हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं होती हैं जो इस प्रकार हैं
1. प्रजनन संबंधी समस्या होना।
2. तंत्रिका तंत्र संबंधी दिक्कतें होना.।
3. स्ट्रोक एवं हार्ट फेलियर का खतरा बना का खतरा बना।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना।
5. त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न होना।
6. बालों का झड़ना।
7. एनीमिया।
8. लिवर संबंधी समस्या होना।
9. मांसपेशियों में ऐंठन होना ।

विटामिन बी की कमी के लक्षण

1. तेजी से वजन घटना।
2. हाथ एवं पैर में झुनझुनी होना।
3. भूख कम लगना।
4. पाचन संबंधी समस्याएं होना।
5. हृदय के आकार में आकार में वृद्धि होना।
6. मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना।

विटामिन ए रिच फूड इन हिंदी

विटामिन ए रिच फूड में काले पत्तेदार साग, गाजर, मछली (टयूना) शकरकंद, बेल मिर्च, अंगूर आदि शामिल है।

रक्त का थक्का जमने के लिए कौन सा विटामिन जिम्मेदार होता है

विटामिन K की कमी से हमारे शरीर में रक्त का थक्का नहीं जमता है।

विटामिन ए कमी से होने वाले रोग

विटामिन ए की कमी से आंखों से संबंधित रतौंधी नामक रोग हो जाता है, इसके साथ ही शरीर का विकास भी अच्छे से नहीं हो पाता है।

विटामिन B12 की कमी को कैसे पूरा करें

अगर आपके शरीर में किसी कारणवश विटामिन B12 की कमी हो गई है तो आप विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे कि अंडा, चिकन, मछली, लो फैट मिल्क पनीर विटामिन B12 से भरपूर होते हैं.।

सोर्स ऑफ विटामिन बी

विटामिन बी मांस (मुख्य रुप से जिगर), डेरी प्रोडक्ट, पत्तेदार,अंडे, बीज आदि के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

विटामिन सी टैबलेट के नाम

विटामिन सी टैबलेट का नाम एस्कोरबिक एसिड है

विटामिन D3 फूड्स

विटामिन D3 फूड्स की बात करें तो यह मछली, मशरूम जड वाली सब्जी आदि में पाया जाता है।

विटामिन डी किसमें पाया जाता है

विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत है सूरज की किरणे। सूरज की किरणों के द्वारा विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है।

विटामिन के रिच फूड

विटामिन के रिच फूड के अंतर्गत केल, शलजम का साग, चुकंदर का साग, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स आदि आते है।

विटामिन ए की कमी के उपचार

विटामिन ए की कमी होने पर विटामिन ए से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में हरी पत्तेदार साग, सब्जियां, दूध, अंडा आदि को शामिल करके विटामिन ए की कमी को पूरा कर सकते हैं।

हेयर के लिए विटामिन

हेयर के लिए विटामिन ए, बी, सी, डी, से युक्त खाद्य पदार्थों को भरपूर मात्रा में लेना चाहिए।

विटामिन ई बेनिफिट्स फॉर स्किन

1. बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करें।
2. त्वचा को शांत एवं हाइड्रेट रखें।
3. त्वचा को माश्चराइजर करने में आपकी सहायता करता है।

विटामिन B6 युक्त खाद्य पदार्थ

विटामिन बी B6 युक्त खाद्य पदार्थ के अंतर्गत अंडे, मछली, सोयाबीन, साबुत अनाज जैसे कि दलिया, गेहूं, ब्राउन राइस, सब्जियां एवं सूअर का मांस आदि आते हैं।

क्या विटामिन ई की कमी दिमाग के लिए नुकसानदायक है।

जी हां विटामिन ई की कमी हमारे दिमाग के लिए नुकसानदायक है। विटामिन ई की कमी होने पर यह कमी यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

विटामिन डी की कमी के लक्षण

विटामिन डी की कमी होने पर हमारे शरीर में विकार के लक्षण दिखाई देते हैं जो इस प्रकार है-
1. बालों का झड़ना।
2. हड्डियों में दर्द की समस्या होना।
3. थकान महसूस होना।
4. तनाव में रहना।
5. मूड में बदलाव होना।

सबसे ज्यादा विटामिन सी किसमें पाया जाता है।

सबसे ज्यादा विटामिन सी आंवला, संतरा, शिमला मिर्च, पपीता स्ट्रॉबेरी, अनानास में पाया जाता है।

विटामिन बी कांपलेक्स के फायदे

1. बाल नाखून एवं त्वचा के लिए फायदेमंद।
2. जोड़ों के दर्द की समस्या को दूर करें।
3. एनीमिया को दूर करें।
4. सुस्ती और थकान को दूर करें।

आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले विटामिन कौन से हैं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए विटामिन A जरूरी होता है।

विटामिन ई किसमें पाया जाता है।

विटामिन ई बादाम, मूंगफली, मूंगफली के बीच, सोयाबीन, पालक, गेहूं के बीज का तेल, एवोकाडो आदि में पाया जाता है।

विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग का नाम

विटामिन डी की कमी से होने कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, दिल संबंधी दिल संबंधी, दिल संबंधी बीमारियां, टीबी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस आदि बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

विटामिन ई फूड्स लिस्ट इन हिंदी

1. बादाम
2. मूंगफली एवं मूंगफली के बीच मूंगफली के बीच
3. सोयाबीन
4. एवोकाडो
5. गेहूं के बीज का तेल

कौन सा विटामिन घाव भरने में सहायक होता है।

विटामिन सी घाव भरने में सहायक होता में सहायक होता है।

सबसे ज्यादा विटामिन सी वाला फल कौन सा वाला फल कौन सा है।

सबसे ज्यादा विटामिन सी कीवी, अनानास, अमरूद, कमरसांग में पाया जाता है।

विटामिन K की कमी से कमी से होने वाले रोग

विटामिन के की कमी से कैंसर, ओस्टियोपोरोसिस, रक्त का थक्का न जमना, मासिक धर्म के दौरान अधिक खून आना जैसे रोग होते हैं।

बेनिफिट ऑफ विटामिन E

1. सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाए किरणों से बचाए।
2. कैंसर से रक्षा करें करें।
3. इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं।
4. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें।
5. डायबिटीज के खतरे को कम करें।

विटामिन फल एवं सब्जियों के नाम

अगर बात की जाए कि विटामिन से भरपूर फल और सब्जियां कौन-कौन से हैं विटामिन से भरपूर फलों के अंतर्गत सेब, अंगूर, अनार, नारंगी, स्ट्रॉबेरी, अनन्नास, तरबूज आदि फल आते हैं। विटामिन से युक्त सब्जियों की बात की जाए तो हरे पत्तेदार सब्जियां, नींबू, गोभी, ब्रोकली, टमाटर, चुकंदर आदि सब्जियां आते हैं।

चेहरे पर झाइयां किस विटामिन की कमी से होती है।

चेहरे पर झाइयां विटामिन सी की कमी से होते हैं।

विटामिन सी के नुकसान

अगर अधिक मात्रा में विटामिन सी का सेवन कर लिया जाए, तो उसे कई तरह के नुकसान भी होते हैं जैसे की किडनी में स्टोन की समस्या होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी होना आदि।

विटामिन A सबसे ज्यादा किसमें किसमें पाया जाता है।

सबसे ज्यादा विटामिन A गाजर एवं पपीते में पाया जाता है।

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण की कमी के लक्षण

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण
1. बार बार बीमार पड़ना बीमार पड़ना।
2. हड्डियों का कमजोर होना।
3. थकान महसूस होना।

विटामिन ई कैप्सूल खाने के फायदे

1. हृदय रोग का खतरा कम करें।
2. आंखों की रोशनी को बढ़ाएं।
3. कैंसर के खतरे को कम करें।
4. त्वचा के लिए फायदेमंद।
5. बालों को घना बनाएं।

विटामिन सी युक्त सब्जियों के नाम क्या है।

विटामिन सी युक्त सब्जियों के नाम है टमाटर, फूल गोभी, पत्ता  गोभी, शिमला मिर्च, ब्रोकली, मटर आदि।

 

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि विटामिन क्या होता है। यह कितने प्रकार के होते हैं और यह हमारे शरीर के लिए किस प्रकार फायदेमंद होता है। इसे लेने के कौन- कौन से स्रोत हो सकते है।इन सभी के बारे में हमने जाना इसके बाद भी आपके ,मन में विटामिन से जुड़े कोई प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बातये।

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