निकोटीन के नुकसान क्या होता है, और उससे होने वाले विभिन्न नुकसान के विषय में बात करेंगे। निकोटीन तंबाकू के पौधे में पाए जाने वाला एक रासायनिक पदार्थ है। निकोटिन को मुख्य रूप से तंबाकू वाली सिगरेट के माध्यम से आपके शरीर में अंदर लिया जाता है।

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैजेशन(WHO) के द्वारा जारी किए गए एक डेटा के अनुसार हर वर्ष लगभग 48 लाख लोगों की मौत इन्हीं कारणों से हो जाती है। यह सिर्फ यही तक सीमित नहीं है(WHO) के अनुसार वर्ष 2020 (एनसीडी) से होने वाले मृत्यु की संख्या 53 % तक माना गया है और इन सब मृत्यु का सीधा कारण तंबाकू का सेवन है।

खासकर भारत में यह स्थिति सामान्य रूप से बेहद ही गंभीर है भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या 27 करोड़ के करीब है।

इसके साथ ही तंबाकू को पाउडर के रूप में किया जाता है। यह दुनिया की प्रत्येक हिस्से में आसानी से उपलब्ध है। नुकोटिन के सेवन नशे की लत के साथ -साथ इसके बहुत से साइड इफेक्ट भी है, यह हमारे हृदय, फेफड़े तथा गुर्दे पर अत्यंत गंभीर प्रभाव डालता है।

कई अध्ययनों में पाया गया है कि निकोटीन के सेवन से कैंसर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। सालों पहले निकोटीन का उपयोग कीटनाशक के दवाओं के रूप में किया जाता था लेकिन कुछ समय पश्चात इस पर रोक लगा दिया गया।

 

निकोटीन के स्रोत

जैसा कि हमने ऊपर की पंक्तियों में बताया है कि निकोटीन मुख्य रूप से तंबाकू में पाया जाता है लेकिन यह टमाटर, बैंगन ,आलू और हरी मिर्च में थोड़ी मात्रा में पाया जाता है इसका कारण यह है कि या भी (नाइटशेड) परिवार के हिस्से हैं।

पूरे विश्व में तंबाकू की लगभग 65 से 70 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें टुबैकम प्रजाति की पैदावार ज्यादा होती है और यह व्यापारिक दृष्टि से इसे अनुकूल माना जाता है, क्योंकि इसे उपयोग करने वालों की संख्या ज्यादा होती है।

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निकोटिन के प्रभाव का कारण

कई सारे अध्ययन के पश्चात यह पता चला है कि निकोटीन के सेवन से हमारे शरीर एवं मस्तिष्क पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ता है। निकोटीन हमारे शरीर में उत्तेजक अथवा शामक दोनों ही रूप में कार्य करता है।इसके साथ निकोटीन के सेवन से हमारे मस्तिष्क में डोपामाईन का स्त्राव बढ़ जाता है। जो कि हमारे और आपके आनंद एवं प्रेरणा के भाव को नियंत्रित करता है।

इसकी प्रतिक्रिया ठीक उसी प्रकार होती है जैसे दुरुपयोग की जाने वाली दवाओं में होती है। जैसे हीरोइन, कोकीन आदि यही कारण है कि धूम्रपान करने वालों को सुख की अनुभूति प्राप्त होती है।

निकोटीन को जहर की भी संज्ञा दी गई है। यदि इसे इस्तेमाल करने की लत लग जाती है तो इससे आप चाहकर भी छुटकारा नहीं पा सकते हैं। और इसका सेवन व्यक्ति को धीरे धीरे मौत की ओर अग्रसर करता है।

तंबाकू में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व

कई रिसर्च के माध्यम से पता चला है कि तंबाकू में 28 प्रकार के कार्सिनोजेनिक तत्व पाए जाते है। जिस की मात्रा हमारे शरीर में बढ़ जाने के कारण मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। इनमे निकोटीन अथवा कार्बनमोनोआक्साइड प्रमुख भूमिका निभाते है। जब आप धूम्रपान करते हैं, तो उसेसे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे जहरीले गैस आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है। जिससे आपके शरीर के प्रमुख अंग सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाते है। जैसे दिमाग,

, फेफड़े, आदि जिससे आपको हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा तंबाकू में कैंसर को उत्पन्न करने वाले रासायनिक तत्व भी मौजूद होते हैं।

तंबाकू में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व

यदि आप सिगरेट, बीड़ी, गुटखा आदि का सेवन नियमित रूप से करते हैं तो आप अवश्य ही तंबाकू के नशे में हैं। तो आइए जानते हैं तंबाकू से होने वाले विभिन्न प्रकार के नुकसान के बारे में विस्तार से।

 निकोटीन के नुकसान

 

कैंसर का प्रमुख कारण है तंबाकू

यदि आप कैंसर नामक गंभीर बिमारी से ग्रसित हैं,तो इसमें ज्यादा से ज्यादा योगदान तंबाकू का हो सकता है। तंबाकू के सेवन से कई प्रकार के रोग होते हैं लेकिन उनमें से प्रमुख रोग कैंसर है।

इसके सेवन से आपको कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जैसे- मुंह का कैंसर( mouth cancer), गले का कैंसर(throat cancer), आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। मुख्य तौर पर इसका कारण है,कि तंबाकू में निकोटीन, नाइट्रोसाइनमिन,टार, क्रोमियम,मार्श गैस, अमोनिया, कोलोडान, पापरीडिन, फॉस्फोरल प्रोटिक अम्ल, परफैरोल, ऐजालिन सायनोजोन, कोर्बोलिक ऐसिड, बेनजीन आदि कैंसर पैदा करने वाले प्रमुख तत्व मौजूद रहते हैं।

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इन्हें आप तंबाकू के यह कैंसर पैदा होने वाले कार्सिनोजेनिक तत्व कह सकते है ।

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निकोटीन के नुकसान

तंबाकू के सेवन से हृदय संबंधी रोग का खतरा बढ़ जाता है

अगर बात करें कैंसर के बाद तंबाकू से होने वाले दूसरे गंभीर रोग के विषय में तो ह्रदय संबंधित रोग आते है, लगातार तंबाकू का सेवन करने से आपके खून में निकोटिन तथा कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आपके शरीर के नसों में खून के थक्के जम जाते हैं और रक्त स्त्राव प्रभावित हो जाता है।

हृदय का मुख्य कार्य आपके शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से बनाए रखना होता है। यदि आपके शरीर के किसी भी हिस्से में रक्त का संचार ठीक तरीके से नहीं हो रहा है ,तो आपका हृदय उन जगहों पर रक्त को पहुंचाने में जोर लगाता है। परिणाम स्वरुप आपका रक्तचाप बढ़ जाता है और नसें फट जाती हैं अर्थात आप को हार्टअटैक का भी खतरा हो सकता है।

इसके साथ सिगरेट अथवा बीड़ी के सेवन से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड आपके फेफड़ों के माध्यम से खून में मिश्रित हो जाते हैं।परिणाम स्वरुप खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है ।

 

तंबाकू के सेवन से फेफड़ो पर असर

जैसा कि हम सभी जानते हैं मनुष्य के शरीर का एक प्रमुख अंग फेफड़ा भी होता है, यदि आप सिगरेट, बीड़ी, चिलम, हुक्का आदि का सेवन करते हैं तो यह आपके फेफड़ों पर बेहद ही बुरा प्रभाव डालता है। यदि आप किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से सिगरेट अथवा बीड़ी के धुंए को ग्रहण कर लेते हैं तो आपको उतना ही प्रभाव पड़ेगा जितना सिगरेट अथवा बीड़ी पीने वाले को पड़ता है।

हमारे फेफड़ों में लगभग 30 करोड़ छोटे-छोट अल्वेओली(Alveoil) पाया जाता है। जो हमारे शरीर के खून को ऑक्सीजन से मिलने तथा कार्बन डाइऑक्साइड से पृथक करने का कार्य करती है सिगरेट अथवा बीड़ी के गर्म हुए हमारे फेफड़ों में पाए जाने वाले अल्वेओली के दीवारों को नुकसान पहुंचाने का कार्य करती हैं।

जिससे खून को ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं मिल पाता है। धूम्रपान करने के दौरान जो भी कार्बन (टार) हमारे फेफड़ों में चले जाते हैं। जिससे धीरे-धीरे यह हमारे फेफड़ों में परत जमा लेते हैं। जिससे हमें सांस लेने में परेशानियां आती हैं तथा खांसी आदि बनी रहती है। यदि आप सिगरेट अथवा बीड़ी का सेवन नियमित रूप से करते रहे तो यह फेफड़ों के कैंसर को जन्म दे सकती है।

 

तंबाकू से होने वाली कई तरह की बीमारिया

  1. तंबाकू का सेवन महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है तंबाकू के सेवन से महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। कई शोधकर्ताओं के अनुसार जो महिलाएं तंबाकू का सेवन किसी भी माध्यम से करते हैं उन्हें बांझपन का खतरा हो सकता है। और गर्भावस्था के दौरान गर्भ गर्भपात की भी आशंका बनी रहती है और इसके साथ तंबाकू के सेवन से महिलाओं के भूर्ण पर भी प्रभाव पड़ता है।
  2. यदि पुरुष तंबाकू का सेवन ज्यादा करते हैं तो उनके शुक्राणुओं( sperm count) में कमी आती है जिससे उन्हें नपुंसकता का सामना करना पड़ सकता है।
  3. तंबाकू में मौजूद फोस्फोरल प्रोटिक एसिड अथवा परफैरोल जैसे गम्भीर रोग को जन्म देते है। जिसके कारण आपके दांत पीले अथवा कमजोर हो जाते हैं और ल्यूकोप्लाकिया जैसे रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है जिससे आप के मसूड़े सड़ने लगते है।
  4. तंबाकू का ज्यादा सेवन करने से आपको किसी खाद्य पदार्थ के स्वाद और सूंघने की शक्ति प्रभावित होती है, इसके साथ अस्थमा जैसे गंभीर रोग भी हो सकते हैं।
  5. जो लोग तंबाकू का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं तो उनके मुंह से तेज दुर्गंध आती है इसके साथ-साथ उनकी लार ग्रंथि भी प्रभावित हो जाती है जिससे भोजन को पचाने की समस्या उत्पन्न होती है।
  6. यदि आपको कभी-कभार छाती में दर्द ,जकरण आंखों से कम दिखाई देने की समस्या, सिरदर्द हाई ब्लड प्रेशर, की समस्या होती है तो इसका अर्थ है कि आप नियमित रूप से तंबाकू का नियमित रूप से सेवन का प्रभाव हो सकता है। इसके साथ-साथ तंबाकू का सेवन आपको बहुत ही कम उम्र में शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है।

भारत में हुए सर्वे के अनुसार वर्ष 2016 17 में भारत में कुल 28.6 फ़ीसदी वयस्क जनसंख्या तंबाकू की लत से ग्रसित थी जिनमें 18% युवाओं की संख्या थी ऐसा कहा जाता है कि पूरी दुनिया में होने वाले पांच लोगों की मौत में से एक मौत तंबाकू खाने वालों की होती है।

यदि आप तंबाकू का सेवन किसी भी माध्यम से करते हैं तो शीघ्र ही आप इसका सेवन करना छोड़ दें इससे आपकी जीवनशैली में सुधार आएगा और आपका परिवार भी खुशहाल रहेगा।

हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से निकोटीन के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इससे जुड़े कई नुकसान के विषय में विस्तार से बताया और हमने यह जाना कि यह हमारे शरीर के लिए किस प्रकार नुकसान दायक है यदि हम इसका सेवन करते हैं तो यह उम्मीद करता हूं निकोटीन के नुकसान पर लिखा हुआ या लेख आपको पसंद आया होगा इसके बाद भी निकोटीन के नुकसान से जुड़े किसी भी प्रश्न के उत्तर आप जानना चाहते हैं तो अवश्य ही हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताएं।

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