आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) के बारे में विस्तृत रुप जानकारी देंगे, साथ ही इसके लक्षण बचाव एवं उपचार के बारे में बताएंगे।

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आज के इस लेख में हम इस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो इस प्रकार है।

  1. मधुमेह (diabetes in hindi)
  2. टाइप 1 मधुमेह (type 1 diabetes in hindi)
  3. टाइप 2 मधुमेह (type 2 diabetes in hindi)
  4. टाइप 3 मधुमेह (Type 3 diabetes in hindi)
  5. मधुमेह के लक्षण (symptoms of diabetes in hindi)
  6. मधुमेह का इलाज (diabetes treatment in hindi)
  7. मधुमेह परीक्षण और वॉल्यूम (diabetes test and volume in hindi)
  8. मधुमेह को कैसे रोकें (how to prevent diabetes in hindi)
  9. मधुमेह के लिए घरेलू उपचार (home remedies for diabetes in hindi)
  10. Some questions related to diabetes and its answers

टाइप 1  मधुमेह रोग (Diabetes Disease) से ग्रसित भारत में हर वर्ष 1 लाख से भी ज्यादा मरीजों के नए मामले नजर आते हैं सामान्यतः यह बीमारी 12 से 25 वर्ष के आयु के लोगों में ज्यादातर देखी गई है। डायबिटीज रोग को मधुमेह, शुगर, डायबिटीज मेलेटस के नाम से भी जाना जाता है।

डायबिटीज रोग क्या है? – What is Diabetes in Hindi

डायबिटीज

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डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) की समस्या का सामना तब होता है जब शरीर में इंसुलिन के स्तर में कमी होती है। शरीर में पाए जाने वाला इंसुलिन हमारे शरीर के लिए एक प्रोटीन की तरह ही होता है, जो शरीर में ग्लूकोस बनाने में सहायक होता है।

जब हमारे शरीर में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है तो ग्लूकोज का प्रवाह हमारे शरीर के कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता जिससे वह केवल हमारे रक्त में ही सिर्फ बने रहता है और ग्लूकोज का स्तर केवल खून में ही बढ़ता है, जिन कारणों से व्यक्ति को डायबिटीज की शिकायत अथवा मधुमेह रोग हो जाता है।

यही वजह होता है कि व्यक्ति डायबिटीज के रोग से ना चाह कर भी इससे ग्रसित हो जाता है। डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) 3 प्रकार के होते हैं,जिनके अलग – अलग प्रभाव शरीर पर पड़ता है। 

डायबिटीज के लक्षण – Symptoms of Diabetes in Hindi

डायबिटीज के सबसे आम संकेतो में शामिल है।

  1. बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना
  2. बार बार पेशाब आना
  3. लगातार भूख लगना
  4. दृष्टी धुन्धुली होना
  5. अकारण थकावट महसूस होना
  6. अकारण वजन कम होना
  7. घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना
  8. बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना
  9. खुजली या त्वचा रोग
  10. सिरदर्द
  11. धुंधला दिखना

टाइप 1 डायबिटीज – Type 1 Diabetes in Hindi

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टाइप 1 मधुमेह की समस्या व्यक्ति को किशोरा अवस्था में भी हो सकती है, अगर टाइप 1 मधुमेह होने की वजह को समझा जाए तो जब शरीर में इंसुलिन के स्तर में कमी होती है या कम मात्रा में बनता है तो टाइप 1 मधुमेह रोग से शरीर ग्रसित हो जाता है।

हमारे शरीर का पेनक्रियाज (Pancreas) भाग जो शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को बनाता है तथा इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है, शरीर में इंसुलिन के स्तर को  पैंक्रियास जब कम बनाने लगता है या बिल्कुल भी इंसुलिन का स्त्राव शरीर में नहीं करता है, तो हमारा शरीर टाइप 1 मधुमेह रोग से ग्रसित हो जाता है।

टाइप 2 डायबिटीज – Type 2 Diabetes in Hindi

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टाइप 2 मधुमेह बिल्कुल भी टाइप 1 के विपरीत होता है जहां टाइप 1 में इंसुलिन का स्तर शरीर में कम हो जाता है, वहीं टाइप 2 में व्यक्ति के शरीर में ब्लड में शुगर की मात्रा का स्तर बढ़ जाता है।

भारत में टाइप 1 के मुकाबले टाइप 2 के डायबिटीज के रोगी अधिकतम संख्या में पाए जाते हैं, यह टाइप 2 डायबिटीज पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादातर देखा गया है। यह टाइप 2 रोग सामान्यतः मोटे व्यक्ति अर्थात जिनके शरीर का वजन अधिक होता है। 

शरीर का वजन अधिक होने का मतलब यह है कि जिन लोगों के शरीर का वजन उनके हाइट के मुकाबले शरीर का भार अधिक होता है, इस प्रकार के लोगों में टाइप टू के रोग से ग्रसित होने के संभवत ज्यादा मामले देखे गए हैं

टाइप 3 डायबिटीज – Type 3 Diabetes in Hindi

टाइप 3 डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) मस्तिष्क के रसायनों के असंतुलन के कारण होता है, जब व्यक्ति टाइप 3 डायबिटीज रोग से व्यक्ति ग्रसित होता है तो उनमें अल्जाइमर की समस्या भी उत्पन्न हो जाती हैं।

अल्जाइमर के लक्षण की अगर बात करें तो वह निम्न प्रकार से प्रदर्शित होते हैं।

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  1. टाइप 3 डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति में अल्जाइमर की समस्या के वजह से स्मृति हानि अर्थात व्यक्ति को उन चीजों को याद रखने में परेशानी होती है जो कुछ समय पहले ही गुजरी है, इस प्रकार की समस्या टाइप 3 डायबिटीज के रोगियों में ज्यादातर देखी जाती है।
  2. टाइप 3 डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति जिन्हें अल्जाइमर की समस्या है उन्हें किसी भी चीज का निर्णय लेने की क्षमता में कमी होती है या उनके सोचने व समझने की क्षमता घट जाती है, जिन वजहों के कारण वह व्यक्ति सामान्य सा निर्णय लेने में तथा सही निश्चय लेने में समस्या सा महसूस करता है।  यह सभी समस्याएं टाइप 3 डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों में देखी जा सकती हैं।
  3. अल्जाइमर के कारणों को अगर समझा जाए तो अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति के दिमाग की तंत्रिका जब प्रभावित हो जाती है,तब इस प्रकार की समस्या उत्पन होती है। 

डायबिटीज ब्लड शुगर टेस्ट के नार्मल लेवल – Normal leval of Diabetes Blood Sugar Test in Hindi

  1. फ़ास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट (खाली पेट)
  2. पोस्टप्रेंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (खाने के बाद)
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डायबिटीज कैसे कंट्रोल करे? – How to Control Diabetes in Hindi

यदि आप डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) से ग्रसित हैं तो डायबिटीज के जोखिम को कम तथा इसे नियंत्रित करने के लिए आप प्रयास कर सकते हैं। जिससे कि यह बिल्कुल ही नॉर्मल रेंज के अंतर आ सकता है।

  1. 1 सप्ताह में कम से कम डायबिटीज के रोगियों को 4 दिन तो किसी ने प्रकार का व्यायाम या कसरत अवश्य ही करना चाहिए।
  2. डायबिटीज से ग्रसित रोगी को उच्च प्रोटीन तथा उच्च फाइबर युक्त भोज्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  3. डायबिटीज रोग से ग्रसित व्यक्ति अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के प्रयास के दौरान हर 15 दिन उन्हें टेस्ट अवश्य कराना चाहिए, जिससे उन्हें इसे नियंत्रित करने का प्रयास की निगरानी में सहायक होगा।
  4. शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल को डायबिटीज के रोगियों को नहीं बढ़ने देना चाहिए, उन्हें अपने शरीर के कोलेस्ट्रोल लेवल को नियंत्रित करने के लिए कसरत, दौड़, टहलना तथा अन्य प्रकार की गतिविधि आदतों में शामिल करना चाहिए जिससे उनके शरीर का कोलेस्ट्रोल लेवल सामान्य बना रहेगा।
  5. यदि स्वस्थ आहार तथा प्रतिदिन नियमित दवाओं का सेवन आप करते हैं तो बेशक डायबिटीज की समस्या को आप कम तथा नियंत्रण में ला सकते हैं।

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies to control Diabetes in Hindi

तुलसी का सेवन फायदेमंद डायबिटीज के रोगियों के लिए – Consumption of Basil is Beneficial for Patients with Diabetes

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डायबिटीज रोगियों (Diabetes Disease) के लिए  तुलसी के पत्तों का प्रयोग करके आप शुगर लेवल को नियंत्रित तथा कम कर सकते हैं, क्योंकि तुलसी के पत्तों में एंटी ऑक्सीडेंट तथा अन्य भी तत्व पाए जाते हैं, जिसके सेवन से पैंक्रियास के द्वारा इंसुलिन के स्तर में बढ़ोतरी होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। तुलसी के पत्तों का सेवन आप सुबह के वक्त खाली पेट दो से चार पत्तों का सेवन कर सकते हैं। यह बहुत ही असरदार घरेलू उपाय हैं जिनसे आप अपने शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

दालचीनी का सेवन फायदेमंद डायबिटीज के रोगियों के लिए – Cinnamon intake Beneficial for Patients with Diabetes

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आज के समय में बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि दालचीनी डायबिटीज रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है। अगर आप दालचीनी का उपयोग करते हैं तो यह आपके शरीर में इंसुलिन के स्तर में बढ़ोतरी करता है, जिससे शुगर लेवल शरीर का नियंत्रित रहता है। 

दालचीनी के अन्य फायदे भी हैं यह शरीर का मोटापा को कम भी कम करता है,अगर दालचीनी के सेवन के तरीको को जाना जाये तो इसके लिए आप इसे महीन व बारीक पीसकर पाउडर बना कर आप इसे हल्के गर्म पानी में अच्छे से मिक्स करके इसका आप सेवन कर सकते हैं।

एक कप गुनगुने पानी में एक या दो चम्मच ही दालचीनी डालें अगर आप इससे ज्यादा दालचीनी का उपयोग 1 दिन के अंतराल में करते हैं तो यह आपके शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है, आप दालचीनी का सेवन आप दिन भर में सिर्फ एक कप या एक गिलास ही सिर्फ सेवन करें।

डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद जामुन के बीज – Berries Seeds Beneficial for Patients with Diabetes

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जामुन के बीजों का अगर आप चूर्ण बनाकर इसका सेवन करते है तो शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। जामुन के बीज के चूर्ण का सेवन आप सुबह खाली पेट कर सकते हैं इसके लिए आप हल्का गरम पानी में दो चम्मच जामुन के बीज के चूर्ण को मिलाकर और इसे मिक्स करके, आप इसका सेवन कर सकते हैं।

अगर आप इस प्रकार से इसका सेवन लगातार कई दिनों तक करते हैं तो आपका डायबिटीज रोग पूर्ण रूप से नियंत्रित कर सकता है।

डायबिटीज के रोगियों के लिए डाइट – Diet for Patients with Diabetes in Hindi

डायबिटीज या मधुमेह के रोगियों (Diabetes Disease) को अक्सर यह दुविधा बनी रहती है कि वह किन चीजों का सेवन करें जिससे उनका शुगर लेवल नियंत्रित रहने में मददगार हो सके, क्योंकि डायबिटीज के रोगी को यह जानकारी तो होती है कि उन्हें किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए लेकिन यह उन्हें सही जानकारी नहीं होती कि उन्हें किन भोज्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे कि शरीर का शुगर लेवल नियंत्रित हो सके।

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हम आपको आपके दिनचर्या से जुड़े कुछ खाद्य पदार्थ तथा पेय पदार्थ के सेवन की जानकारी प्रदान करेंगे, जिसका सेवन डायबिटीज या मधुमेह (Diabetes Disease) के रोगी आसानी से कर सकते हैं और इन चीजों का सेवन आप उस वक्त कर सकते हैं, जिस समय आपके शुगर लेवल अनियंत्रित या बढ़ा हुआ हो।

  1. सुबह के वक्त में आप नींबू पानी, दालचीनी, जामुन के बीज का चूर्ण का पेय पदार्थ आप ले सकते हैं।
  2. डायबिटीज के रोगी नाश्ते में दलिया, खीरा तथा किसी एक फल का सेवन तो आप अवश्य ही करें।
  3. डायबिटीज के रोगी को खाने में हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसे कि फूल गोभी, बैगन, भिंडी, साग तथा अन्य हरी सब्जियां का सेवन कर सकते है।

इन सभी का सेवन आप आसानी से कर सकते हैं जिससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित व कंट्रोल में रहेगा यह आवश्यक नहीं कि आप सिर्फ इन्हें सभी चीजों का ही सेवन करें।

डायबिटीज से संबंधित कुछ प्रश्न एवं उसके उत्तर

डायबिटीज रोगियों को किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए? – What are the things that Diabetes Patients should not Consume?

उत्तर- शुगर की समस्या (Diabetes Disease) से ग्रसित व्यक्ति को खाने में नमक का स्तर कम रखना चाहिए। डायबिटीज के रोगी को मीठा या शुगर से युक्त पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक इन सभी चीजों से उन्हें दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

मधुमेह के रोगी ज्यादा ऑइली तला या भूना हुआ खाद्य पदार्थों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।

डायबिटीज रोगी कौन सा कसरत या व्यायाम कर सकते हैं? – Which Workout or Exercise can a Diabetic Patient do?

उत्तर- डायबिटीज के रोगी कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज तथा तेज गति से पैदल चलना, तैराकी करना, साइकिल चलाना यह सभी इन लोगों के शरीर के लिए बेहतर कसरत व व्यायाम होता है। इन सभी व्यायाम व कसरत को करने से खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है और साथ ही ब्लड प्रेशर नियंत्रित तथा बॉडी में इंसुलिन की मात्रा का लेवल नियंत्रित रहता है। 

डायबिटीज टेस्ट कौन-कौन से हैं? – What are Diabetes tests?

डायबिटीज के रोगी के लिए मुख्य टेस्ट फ़ास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट (खाली पेट) तथा पोस्टप्रेंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (खाने के बाद) अवश्य करवाते रहना चाहिए जिसे उनके शुगर लेवल की वैल्यू की जानकारी मिल सकती है और अन्य टेस्ट की जांच डॉक्टर के परामर्श से आप करवा सकते है।

  1. फ़ास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट
  2. पोस्टप्रेंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (खाने के बाद)
  3. ओरल ग्लूकोज़ टॉलरेंस टेस्ट
  4. रैन्डम प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट
  5. एचबीए1सी टेस्ट
  6. फ्रुक्टोज़ामाइन टेस्ट

हमने आपको अपनी इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटीज के बारे में जानकारी दी है जो की डायबिटीज आज के समय में काफी तेजी से लोगो में फैल रहा है, इसके साथ ही हमने आप को इसके लक्षण, बचाव, एवं घरेलू उपाय की भी जानकारी दी है।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा डायबिटीज रोग (Diabetes Disease) लेख आप को पसंद आया होगा अगर आप किसी अन्य प्रकार की जानकारी विस्तार में जानना चाहते है या इस लेख से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न हो रहा है तो आप अवश्य ही हमें कमेंट करके बताएं।

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धन्यवाद।