Chikungunya वायरस मच्छर के काटने से इंसानों को संक्रमित करता है। इससे बुखार और जोड़ों में दर्द होता है। यह शायद ही कभी घातक है, लेकिन लक्षण गंभीर, लंबे समय तक बना रहा तो मौत भी हो सकती हैं। चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलता है।

आज के इस लेख में हम इस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो इस प्रकार है।

  1. चिकनगुनिया (chikungunya in hindi)
  2. चिकनगुनिया के लक्षण (chikungunya symptoms in hindi)
  3. चिकनगुनिया का इलाज (chikungunya treatment in hindi)
  4. चिकनगुनिया परीक्षण (chikungunya test in hindi)
  5. चिकनगुनिया से बचाव (chikungunya prevention in hindi)
  6. Some questions and answers related to Chikungunya in hindi

चिकनगुनिया क्या है? – What is Chikungunya in Hindi

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो मुख्यतः मच्छरों के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मच्छरों के काटने से फैलता है। चिकनगुनिया का वायरस मनुष्य के शरीर में 5 से 7 दिन तक बना रहता है, इन दिनों के समय में शरीर में वायरस फैलता है, इस अवधि के दौरान अगर मच्छर उस संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है, तो यह संभव है, कि वह मच्छर भी इस वायरस से संक्रमित हो जाएगा तथा मच्छर अगर अन्य किसी व्यक्ति को काटता है, तो वह व्यक्ति इस वायरस के संक्रमण में उसका शरीर आ जाता है।

चिकनगुनिया

इस रोग के लिए कोई उपचार नहीं है और ना ही इसके विरुद्ध रोकथाम के लिए किसी प्रकार का टीका लगाया जाता है, इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को ठीक होने की संभावना उसके उम्र तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। युवा वर्ग के लोगों को इस बीमारी से ठीक होने में 5 से 7 दिन भी लग सकते हैं तथा मध्यवर्गीय वर्ग के लोगों को 15 से 22 दिन भी लग जाते हैं।  

चिकनगुनिया की पहचान पहली बार 1992 की शुरुआत में तजानिया में हुई थी जिसका प्रकोप एशिया और अफ्रीका के जैसे देशों में ज्यादातर बना हुआ था। 

चिकनगुनिया के लक्षण – Symptoms of Chikungunya in Hindi

लक्षण संक्रमित मच्छरों के काटने से व्यक्ति के शरीर में निम्न प्रकार के लक्षण 4 से 7 दिनों में नजर आएंगे

चिकनगुनिया

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  1. तेज बुखार 40 सेंटीग्रेड से 104 फॉरेनहाइट
  2. सर दर्द बने रहना
  3. जोड़ों का दर्द होना
  4. शरीर पर लाल चकत्ते
  5. जी मिचलना 
  6. अनावश्यक थकान बने रहना
  7. मांसपेशियों में दर्द होना
  8. जोड़ों में सूजन होना
  9. अनिद्रा की समस्या होना

चिकनगुनिया के अधिकतर मामले भारत में सन 2006 में देखे गए और आज के समय चिकनगुनिया के मामले भारत में हर साल लगभग 5000 से अधिक नये मामले देखने को मिलते हैं। 

चिकनगुनिया से बचाव कैसे करे?How to Prevent Chikungunya in Hindi

रोकथाम इस रोग से बचाव के लिए आप कुछ प्रभावी तरीकों को अपना सकते हैं, जिससे कि आप चिकनगुनिया के रोग से बचाव कर सकते हैं। 

  1.  बुखार अधिक होने पर खूब आराम अवश्य करें। 
  2.  इस रोग के वाहक मच्छरों के संपर्क से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग कर सकते हैं, जो अत्यधिक कारगर है। 
  3. कुछ दवाओं का प्रयोग करें जिससे मच्छरों को दूर भगाया जा सके जैसे- मच्छर लोशन, मच्छर अगरबत्ती। 
  4. फुल बाजू के कपड़ों का उपयोग करें, जालीदार खिड़की तथा दरवाजों का प्रयोग भी मच्छरों से बचाव में मददगार होंगे। 

मलेरिया और चिकनगुनिया के बीच का अन्तर क्या है? – What is the Difference between Malaria and Chikungunya in Hindi

मलेरिया 

  1. मलेरिया अक्सर ‘मादा एनोफ़िलिस’ मच्छर के काटने से होता है, मच्छर आमतौर पर गंदे व जमे पानी के साथ पर्यावरण में होते हैं।
  2. अब, रोग की पहचान एक कठिन काम हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के 8-25 दिनों के बाद शुरू होते हैं यही कारण है कि प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षण काफी लंबे समय तक उचित परिणाम नहीं देता है।
  3. तेज बुखार सबसे समान्य संकेत है जो आमतौर पर मरीज़ मे विकसित हो सकता है. शरीर का तापमान ज्यादा से ज्यादा 104’F हो सकता है. इसमें अक्सर ठंड लगती है जो मांसपेशियों में जलन पैदा करती है और उसके बाद तापमान में वृद्धि होती है।
  4. मलेरिया के मरीजों में आमतौर पर पसीना या कंपकंपी, आलस्य, पीलिया और सांस लेने में कठिनाई देखी गई है।
  5. जैसे ही आप उपर्युक्त लक्षणों में से किसी एक का अनुभव करते हैं, तो तुरंत इसका निदान कराएं।
  6. मलेरिया के, आमतौर पर, विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए निदान करना मुश्किल हो सकता है।

चिकनगुनिया

  • चिकनगुनिया में घातक जटिलताएं बहुत कम देखी जाती है। रक्त और मूत्र परीक्षण से बीमारी का पता लगाया जा सकता है। चिकनगुनिया में कुल ल्यूकोसाइट की गणना कम हो जाती है, चूंकि लेप्टोस्पिरोसिस में गुर्दे हमेशा प्रभावित होते हैं, इसलिए इन मामलों में मूत्र परीक्षण में असामान्यताएं दिखती है।

निम्नलिखित संकेतों वाले किसी भी मरीज़ को तुरंत निर्धारित चिकित्सकीय और प्रयोगशाला परीक्षणों के माध्यम से निदान करना चाहिए।

  1. हाइपोटेंशन (रक्तचाप में गिरावट)
  2. रक्त्स्त्राव
  3. तेज़ बुखार
  4. सांस फूलना
  5. अल्टर्ड सेंसरियम
  6. मूत्र में कमी आना
  7. पीलिया
  8. ऐंठन

मलेरिया तथा चिकनगुनिया में समानताएं क्या है? – What are the Similarities between Malaria and Chikungunya in Hindi

  1. दोनों बिमारियां मच्छरों द्वारा होती हैं।
  2. आम तौर पर, दोनों ही बीमारियों में सांस लेने में तकलीफ और तेज़ सरदर्द होता हैं।
  3. दोनों वायरस हर 2-3 दिनों के बाद तेज़ बुखार का कारण बनते हैं।
  4. दोनों के लिए निदान एक ही प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से किया जाता है।
  5. सामान्य सर्दी, कंपकंपी और कम रक्तचाप इन बीमारियों के समान लक्षण हैं।

चिकनगुनिया संबंधित कुछ प्रश्न एवं उसके उत्तर

चिकनगुनिया को चिकनगुनिया क्यों कहा जाता है? – Why is Chikungunya called Chikungunya?

चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जिसका वर्णन पहली बार 1952 में दक्षिणी तंजानिया में फैलने के दौरान चिकनगुनिया नाम पड़ा था। “चिकनगुनिया” नाम किमकोंडे भाषा के एक शब्द से निकला है, जिसका अर्थ है “विकृत हो जाना”, चिकनगुनिया पीड़ित में लक्षण जैसे जोड़ों के दर्द, तेज़ बुखार शरीर पूरी तरह टूट जाता है, अर्थात विकृत हो जाता है।

आपके शरीर में चिकनगुनिया की बीमारी कब तक बनी रह सकती है? – How long can Chikungunya disease continue in your body?

तीन से 10 दिन ज्यादातर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, जिसके लक्षण तीन से 10 दिनों में होते हैं। कुछ लोगों के लिए, जोड़ों का दर्द महीनों या वर्षों तक जारी रह सकता है।

चिकनगुनिया को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? – What is the fastest way to cure Chikungunya?

खूब आराम करे, साथ ही शरीर के निर्जलीकरण को रोकने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करें। बुखार और दर्द को कम करने के लिए पेरासिटामोल जैसी दवा ले सकते है।

चिकनगुनिया बीमारी रोकथाम के लिए कौन सा फल अच्छा है? – Which fruit is good for Chikungunya disease prevention?

चिकनगुनिया के लिए फल जिसमे विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करे जैसे- संतरे, कीवी और अमरूद।

चिकनगुनिया के लिए डॉक्टर कैसे परीक्षण करते हैं? – How do doctors Test for Chikungunya?

प्रयोगशाला में आम तौर पर वायरस, वायरल न्यूक्लिक एसिड या वायरस-विशिष्ट इम्युनोग्लोबुलिन (आईजी) एम का पता लगाने और एंटीबॉडी को पता करने के लिए सीरम या प्लाज्मा का परीक्षण किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

हमने आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से चिकनगुनिया रोग (Chikungunya disease) के बारे में जानकारी दी है। इसके साथ ही हमने आप को चिकनगुनिया रोग होने का कारण, चिकनगुनिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों में आम लक्षण क्या है? के बारे में भी जानकारी दी है।

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