मुख्य रूप से गठिया अर्थात arthritis का अर्थ है। सूजन इस शब्द का उपयोग लगभग 200 स्थितियों को वर्णन करने के लिए किया जाता है। जो आमतौर पर जोड़ों और ऊतकों को प्रभावित करते हैं और यह बेहद ही गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको गठिया के लक्षण भी विस्तार से बताएँगे। गठिया का सबसे आम रूप (osteoarthritis) ऑस्टियो आर्थराइटिस है इसके अलावा (rheumatic ) रुमेटाइट आर्थराइटिस और गाउट यह प्रमुख अर्थराइटिस में से एक हैं।

रुमेटाइट यानि आमवाती अर्थराइटिस होने की स्थिति में दोनों जोड़ों में दर्द अकड़न तथा सूजन शामिल होता है, इसके लक्षण धीरे-धीरे तथा अचानक विकसित हो सकते हैं।

कुछ आमवाती स्थिति में यह हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली और शरीर के विभिन्न अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। गठिया के कुछ लक्षण और ल्यूपस (एसएलई), कई अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। 50 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों में गठिया की शिकायत ज्यादा देखी गई है, लेकिन आजकल गठिया से युवा वर्ग भी ग्रसित हो रहे हैं। गठिया करीब 200 आर्थराइटिस की स्थितियों को बताता है जो मुख्य रूप से जोड़ों को प्रभावित करता है, जिसमें ल्यूपस और आमवाती शामिल हैं।

यह सभी लक्षण arthritis के कारण बन सकते हैं, और यह किसी व्यक्ति की रोजमर्रा के कार्यो को भी विशेषकर प्रभावित करते हैं। शारीरिक गतिविधियों पर arthritis का बेहद ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, और यह दर्द, कार्य और मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद ही गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

गठिया हमारे शरीर के आंतरिक विकास पर भी बाधा डाल सकता है। जैसे- यह हमारी पाचन शक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है, गठिया होने की स्थिति में संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है इसके अलावा यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर बना देता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर का रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

arthritis के उपचार का उद्देश्य इस के दर्द को नियंत्रित कर इसे पूरी तरह ठीक करना होना चाहिए, इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ अहम बदलाव लाने की आवश्यकता है।

गठिया के कारण क्या है? (Gathiya ke karan kya hai?)

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सभी प्रकार के गठिया का कारण एक नहीं होता है, गठिया के प्रकार या रूप अलग-अलग हो सकते हैं। गठिया के संभावित कारणों में से एक है।

  1. चोट या अपक्षयी ( Degenerative) के कारण भी गठिया की शिकायतें हो सकती है।
  2. पाचन शक्ति कमजोर होना और गाउट भी गठिया के लिए जिम्मेदार हैं।
  3. कुछ हद तक अनुवांशिक कारण भी गठिया के लिए जिम्मेदार है।
  4. संक्रमण, जैसे कि लाइम रोग  भी गठिया का एक कारण है।
  5. इम्यून सिस्टम कमजोर होना भी गठिया का एक कारण हो सकता है।

ज्यादातर गठिया  रोग किसी ना किसी कारणों से जुड़े होते हैं, लेकिन कुछ गठिया रोग के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। गठिया के रोग कभी-कभी अचानक से उभर आते हैं, वहीं कुछ लोगों में गठिया अनुवांशिक रूप से विकसित होने की संभावना रहती है।

गठिया के कुछ अतिरिक्त कारण सामिल है पुरानी चोट, संक्रमण, अत्यधिक धूम्रपान, तनाव ग्रस्त जीवन, इसके अलावा गठिया रोग को बढ़ाने के लिए कुछ हद तक माता-पिता से विरासत में मिली जीन भी जिम्मेदार है।

असंतुलित आहार एवं शरीर में पोषण की कमी भी गठिया रोग में अहम भूमिका निभा सकते हैं, ऐसे आहार जो सूजन की समस्या को बढ़ाते हैं। जैसे मांसाहार, मिठाई जिसमें फैट और शुगर की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। वे प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को बिगाड़ सकता है। जिसके परिणाम स्वरूप गठिया की शिकायतें हो सकती है।

गाउट भी एक प्रकार का गठिया रोग है, जो आपके द्वारा रोजाना लेने वाले आहार से जुड़ा हुआ है।  इसमे प्यूरिन की मात्रा पाई जाती है। प्यूरिन युक्त आहार में शामिल है।

  1. सी फूड ( समुद्री भोजन)
  2. शराब
  3. रेड मीट
  4. ऐसी सब्जियां जिनमे प्यूरिन की मात्रा पाई जाती है।

गठिया रोग के अन्य कारण क्या है? (Gathiya rog ke anya karan kya hai?)

  1. बढ़ती उम्र में गठिया का होना एक आम समस्या है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में 60% तक गठिया की समस्याओं को देखा गया है हालांकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में गाउट की समस्या अधिक होती है।
  2. अनुवांशिक कारण कुछ हद तक गठिया के लिए अनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार है, ऐसे में उन्हें रुमेटीइड गठिया (आरए) सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) और  एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सामना करना पड़ सकता है।
  3. अधिक वजन और मोटापा अधिक वजन और मोटापा व्यक्ति के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस को शुरुआत कर सकते हैं, तथा इन्हें बढ़ा भी सकते हैं।
  4. एथलीट्स- जो एथलीट्स जो हमेशा स्क्वाटिंग या अन्य प्रकार के एक्सरसाइज को लंबे समय से करते आ रहे हैं, उन्हें भी घटिया होने की संभावना अधिक रहती है।

गठिया के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Gathiya ke lakshan kya ho sakate hain?)

गठिया एक विकार है, जो हमारे जोड़ों में दर्द तथा सूजन के साथ शुरू होता है, इसकी शुरूआत मामूली लक्षणों के साथ धीरे-धीरे होती है। और समय-समय पर इसके दर्द आते जाते रहते हैं। आम तौर पर इसकी शुरुआत घुटनों से होती है यदि इसके लक्षणों का सही समय पर पता नहीं लगाया गया तो यह समय के साथ साथ बढ़ते रहते हैं। इसके लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं।

हम सभी के जोड़ों में एक फार्म होता है, लेकिन वे लचीला और संयोजी उत्तक होते हैं, जब आप चलते हैं या फिर दौड़ते हैं तो यह दबाव और झटकों को अवशोषित कर जोड़ों की रक्षा में मदद करता है। जब आप उन पर अधिक दबाव डालते हैं तो यह आगे चलकर गठिया का मुख्य कारण बन जाता है।

इसके अलावा यह तभी संभव है जब आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर के ऊतकों पर हमला करती है। यह हमले आपके जोड़ों में पाई जाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं, ये हमले आपके जोड़ों में एक नरम ऊतक सिनोवियम को प्रभावित करते हैं, जो एक द्रव पैदा करता है, जो हमारे जोड़ो को पोषण देता है, और जोड़ों को चिकनाई पैदा करता है।

सिनोवियम एक प्रकार की बीमारी है जो हमारी कोशिकाओं पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देती है, परिणाम स्वरूप या हड्डियों के विनाश का कारण बनता है, हालांकि प्रतिरक्षा प्रणाली गठिया के कारणों को विकसित करता है।  इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है, कि कुछ हद तक प्रतिरक्षा प्रणाली भी गठिया के कारणों का जिम्मेदार है।

अधिक थकान महसूस होना (Fatigue)– इसके लक्षण पता होने से पहले आप हर वक्त थका हुआ महसूस करते हैं, गठिया के शुरुआत होने से पहले लंबे समय तक थकान महसूस कर सकते हैं। यह आपको मानसिक रूप से बीमार बना सकता है।

सुबह की जकड़न (Morning stiffness)– गठिया के शुरुआती लक्षणों में जकड़न होना एक स्वाभाविक सी बात है। इसके लक्षण आपको खासकर सुबह सुबह उठने के वक्त दिखाई पड़ते हैं, यदि समय रहते ही इसका उपचार ना किया जाए तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

घुटने में जकड़न आ जाना (Joint stiffness)– दोनों घुटने में जकड़न होना इसके शुरुआती लक्षण हैं, इसके लक्षण आपको किसी भी समय महसूस हो सकते हैं, चाहे आप शारीरिक रूप से सक्रिय हो या फिर ना हो, इसके अलावा या हाथ की कलाइयों को भी प्रभावित करते हैं।

जोड़ों का दर्द (Joint pain)– जोड़ों के दर्द के लक्षण का एहसास आपको शारीरिक रूप से मेहनत करने के बाद होता है इसके लक्षण आपके घुटनों, पैरों, टखनों या कंधों को प्रभावित कर सकते हैं।

जोड़ में मामूली सूजन (Minor joint swelling)– ऐसी स्थिति होने पर आपके जोड़ों में मामूली सूजन यह सामान्य से बड़े दिखाई पड़ सकते हैं। आमतौर पर जोड़ों में सूजन की समस्या गर्मियों में ज्यादा दिखाई पड़ती हैं। इसकी समस्या आपको कुछ सप्ताह तक परेशान कर सकती हैं हालांकि इसका उपचार सही समय पर नहीं किया गया तो यह गंभीर रूप धारण कर सकता है।

बुखार होना (Fever) – जब आपको जोड़ों में दर्द सूजन जैसे अन्य लक्षण महसूस होते हैं। तो हल्का बुखार गठिया का संकेत हो सकता है। हालांकि, 100 ° F (38 ° C) से अधिक बुखार किसी अन्य बीमारी या संक्रमण का संकेत होने की अधिक संभावना है।

गठिया के अन्य लक्षण क्या हो सकते हैं? ( Gathiya ke anya lakshan kya ho sakte hai?)

गठिया के शुरुआती लक्षणों में आपको कई प्रकार के अन्य लक्षण महसूस हो सकते हैं, यदि आप गठिया के शुरुआती लक्षणों में ऐसा कुछ महसूस कर रहे हैं, तो इसका उपचार करने के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश करें, जिनमें  यह शामिल हैं।

  1. हल्की कमजोरी तथा अस्वस्थ महसूस
  2. मुंह में सूखापन महसूस करना
  3. खुजली और आंखों पर सूजन का होना
  4. सोते वक्त दिक्कत होना
  5. सांस लेते वक्त सीने में दर्द महसूस होना
  6. भूख की कमी तथा वजन का घटना भी इसके लक्षणों में शामिल है।

गठिया से बचाव क्या हो सकते है? (Gathiya se bachav kya ho sakta hai?)

अर्थराइटिस  होने की स्थिति में जोड़ों की हड्डियों के बीच चिकनाई खत्म होने लगती है, परिणाम स्वरूप उस स्थान पर यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं, इसकी समस्या आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र के बाद उत्पन्न होती है।

आजकल युवा भी इसकी चपेट में धीरे-धीरे आ रहे हैं, गठिया रोग होने पर हड्डियां धीरे-धीरे घिसने में लगती है, और जरा भी छूने पर आपको तेज दर्द महसूस होने लगता है। हम आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी देंगे, जिसकी मदद से आप आसानी से गठिया रोग से बचाव कर सकते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर- एप्पल साइडर विनेगर में अधिक मात्रा में मिनरल्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारी  जोड़ो के दर्द में काफी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर हमारे जोड़ों के बीच जमे टॉक्सिंस को भी बाहर निकाल देते हैं। गठिया होने की स्थिति में यदि आप एक कप गर्म पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और शहद को मिलाकर रोजाना सुबह-सुबह इसका सेवन करते हैं, तो यह आपके अर्थराइटिस की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करता है।

अदरक- अदरक सभी प्रकार की गठिया रोगों से बचाव करता है। इसमें मौजूद दर्द निवारक गुण जोड़ों, कूल्हों तथा कंधों में होने वाले असहनीय दर्द से आराम दिलाता है।
सामग्री –

  1. 6 चम्मच सोंठ पाउडर
  2. 6 चम्मच काले जीरे का पाउडर
  3. तीन चम्मच काली मिर्च पाउडर

प्रयोग विधि – इन तीनों पाउडर को एक साथ मिलाकर एक एयर टाइट कंटेनर में रख लें। इस मिश्रण को दिन में कम से कम 3 बार पानी के साथ सेवन करें इसके अलावा ताजे अदरक के रस को जोड़ों पर मालिश करने से भी गठिया में होने वाले दर्द से राहत मिलता है।

सरसों का तेल– सरसों के तेल में भी दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं गठिया होने की स्थिति में यदि नियमित रूप से सरसों के तेल को गर्म करके प्रभावित स्थान पर मालिश किया जाए तो खून का बहाव तेज होता है। जिसकी वजह से गठिया में हो रहे असहनीय दर्द से आराम मिलता है।

हल्दी- हल्दी को तो हम सभी लोग दर्द निवारक के रूप में जानते ही हैं इसमें मौजूद करक्यूमिन गठिया में हो रहे असहनीय दर्द से राहत दिलाने का कार्य करता है रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में काफी राहत मिलता है।

लहसुन- गठिया के रोग में लहसुन खाना फायदेमंद होता है, नियमित लहसुन खाने से गठिया रोग में आराम मिलता है। सुबह उठने के बाद खाली पेट लहसुन की कलियां खाना अच्छा रहता है। हो सकता है आपको ऐसे लहसुन खाना पसंद न हो तो आप सब्जी में इसका इस्तेमाल बढ़ा सकते हैं।

गठिया के उपचार क्या हो सकते है? (Gathiya ke upachar kya ho sakte hai?)

रुमेटीइड गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो आपके पूरे शरीर में जोड़ों के दर्द और सूजन का कारण बन सकता है। यदि गठिया की वजह से आपके जोड़ प्रभावित हैं, तो हो सकता है, कि इसका असर आपके पैरों पर भी पड़े यदि आपका एक हाथ गठिया से प्रभावित है, तो यह संभव है कि आपके दूसरा हाथ भी गठिया से प्रभावित होगा।

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ऑस्टियो आर्थराइटिस की समस्या रुमेटीइड अर्थराइटिस की अपेक्षा जल्द ठीक हो जाते है, लेकिन इसके लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली पुरानी बीमारी है जो सूजन और दर्द के साथ महसूस होता है। इसके लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते है लेकिन आप इन लक्षणों को बिल्कुल भी अनदेखा ना करें भले ही इसके लक्षण आते जाते रहें।

इसके शुरुआती लक्षणों को जानने के लिए आपको डॉक्टर की मदद जरूर लेनी चाहिए। इसका सही तरीके से उपचार करने में समय लग सकता है, इसके लिए आपको कई तरह के लैब टेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर आपसे आपकी पुराने चिकित्सा इतिहास की भी जानकारी ले सकता है। जिससे उन्हें लक्षणों को समझने में आसानी होती है। डॉक्टर गठिया का शारीरिक जांच भी कर सकते हैं जून में शामिल है।

  • सूजन और लालिमा
  •  सजगता और मांसपेशियों की ताकत का जांच
  •  जोड़ो की जांच

यदि डॉक्टर को गठिया के संकेत नजर आ रहे हैं, तो सबसे पहले आप इस रोग के विशेषज्ञ से मिलें जिसे  रुमेटोलॉजिस्ट कहा जाता है। ये आपको कुछ जांच की भी सलाह दे सकते हैं, उनमें शामिल है।

  • अल्ट्रासाउंड
  • एक्स-रे
  • एमआरआई

गठिया का अभी तक कोई सटीक उपचार नहीं खोजा गया है, लेकिन इन जांच को करके डॉक्टर आपके  गठिया की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर इस रोग को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। उपचार में शामिल है।

  • दवाइयां
  • घरेलू उपचार
  • आहार में खास परिवर्तन
  • लाइफस्टाइल में बदलाव और व्यायाम

इन उपचार को अपनाकर आप गठिया रोग के जोखिम ओं को आसानी से कम कर सकते है।

गठिया के घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं? (Gathiya ke gharelu upchar kya ho sakte hai ?)

गठिया को ठीक करने के लिए जीवन शैली में कुछ बदलाव और व्यायाम की मदद से आप इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं।

व्यायाम- ऐसे व्यायाम जिसे करने पर आपकी जोड़ों में गति बनी रहे और आपकी मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करें जिससे आपके जोड़ों पर दबाव कम पड़े उन व्यायाम को करना चाहिए ऐसा करना आपको गठिया रोग में काफी राहत दिलाता हैं।

प्रयाप्त आराम करें- गठिया होने की स्थिति में अधिक आराम करने की कोशिश करें। आवश्यकता हो तो कम से कम 6 से 7 घंटे की पर्याप्त नींद लें ऐसा करने से सूजन और दर्द के साथ-साथ थकान को कम करने में मदद मिलता है।

आइस पैक या हॉट वाटर का इस्तेमाल करें– सूजन दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए आप आइस पैक या हॉट वाटर की मदद ले सकते हैं इसके सेवन आपके लिए काफी हद तक मददगार होगा।

गठिया में कौन सा आहार लेना चाहिए

आपके डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट गठिया में हो रहे असहनीय दर्द और सूजन को आहार की मदद से कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस प्रकार के आहार में बहुत सारे ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  1. .मछलियाँ जैसे सैल्मन, ट्यूना, हेरिंग और मैकेरल
  2. चिया का बीज
  3. अलसी
  4. अखरोट
  5. ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, गोजी बेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे जामुन
  6. डार्क चॉकलेट
  7. पालक

इसके अलावा विटामिन A,C और E युक्त खाद्य पदार्थ दर्द और सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप को अपने आहार में बहुत सारे फाइबर युक्त आहार लेने की भी आवश्यकता है। क्योंकि कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार फाइबर युक्त आहार सूजन और दर्द की समस्या को कम करने में सहायक होता है।

फ्लेवोनोइड युक्त आहार- फ्लेवोनोइड युक्त आहार भी सूजन तथा दर्द को कम करने में मदद करता है, उनमें शामिल है।

  1. सोया उत्पाद
  2. जामुन
  3. ग्रीन टी
  4. ब्रोकली
  5. अंगूर

हममें से ज्यादातर लोग इन खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचते हैं, जो गठिया होने की स्थिति को और भी भड़का देता है। आप हमारे द्वारा बताए गए सभी आहार का सेवन कर गठिया को नियंत्रित कर सकते हैं।

गठिया कितने प्रकार का होता है?(Gathiya kitne prakaar ka hota hai?)

जैसा कि हमने आपको ऊपर जानकारी दी है, की गठिया जोड़ों में सूजन से जुड़ा हुआ एक प्रकार का रोग है। जिसके अपने अलग-अलग रूप हो सकते हैं, रोगियों को करीब करीब 200 प्रकार के गाठिया  रोग हो सकते हैं, जिसके लक्षण भी प्रत्येक रोगियों में अलग-अलग होते हैं।

साधारण गठिया जोड़ों में सूजन, अकड़न या दर्द का कारण बन सकता है, वहीं गंभीर गठिया होने पर रोगी की स्थिति काफी खराब हो जाती है गंभीर गठिया से पीड़ित रोगी को चलने उठने,बैठने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

गठिया के लक्षण

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इसके अलावा गठिया कभी-कभार हमारे शरीर के अन्य अंगों जैसे- आंख, ह्रदय, किडनी, फेफड़े और त्वचा को भी प्रभावित कर सकते हैं आइए हम जानते हैं, गठिया के कौन-कौन से प्रकार होते हैं।

इंफ्लैमरेटरी गठिया (Inflammatory gathiya)

इस प्रकार का गठिया दर्द, सूजन के साथ हमारे जोड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इस गठिया में होने वाला सूजन किसी संक्रमण, चोट या फिर सर्जरी की वजह से नहीं होता है। लेकिन इसके प्रभाव काफी गंभीर हो सकते हैं। ये गठिया मुख्यता तीन प्रकार के होते है।

रुमेटोइड गठिया (Rheumatic gathiya)

रुमेटोइड गठिया ऐसी स्थिति है, जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। जो कोशिकाओं और जोड़ो को एक साथ जोड़ने का काम करती है, यह उनपर हमला करता है। रुमेटोइड गठिया होने पर जोड़ों में दर्द, अकड़न, नींद की कमी हाथ पैर में झनझनाहट जैसी समस्या को पैदा करता है।

प्रतिक्रियाशील (रिएक्टिव) गठिया (Reactive gathiya)

यह arthritis किसी भी प्रकार के संक्रमण की वजह से होता है, यह प्रभावित हिस्से में सूजन को बढ़ाता है, और कोशिकाओं पर हमला करता है। इस तरह का गठिया आमतौर पर मूत्र मार्ग तथा जनांगो पर होता है।

सोरियाटिक गठिया (Psoriasis gathiya)

सोरियाटिक एक प्रकार से जोड़ो का विकार है, जिसे सोरायसिस के नाम से भी जाना जाता है। एक संक्रामक घटिया है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला कर स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, और जोड़ों में सूजन को बढ़ाना का कार्य करती है।

डीजनरेटिव या मकैनिकल गठिया ( Degenerative ya mechanical gathiya)

इस arthritis की स्थिति हड्डियों में चोट लगने पर उत्पन होती है, आमतौर पर यांत्रिक घटिया के रूप में भी जाना जाता है इस प्रकार का arthritis होने की स्थिति में रोगियों की हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती है। इसके अलावा जोड़ों में सूजन और दर्द होने की वजह से हड्डियां आपस में रगड़ने लगती है।

ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

ओस्टियो आर्थराइटिस यह जोड़ों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। जिससे जोड़ों पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ता है, परिणाम स्वरूप जोड़ों में अकरण व सूजन आ जाती है। इसके शिकार आमतौर पर अधिक उम्र वाले लोग होते हैं।

किशोर गठिया ( kishor gathiya)

जिसे सामान्य भाषा में बचपन में होने वाला arthritis कहा जाता है। यह आमतौर पर 16 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में अधिक होता है, इसकी स्थिति हड्डियों की क्षति होने मांस पेशियों के जकड़ने और जोड़ों के सीधा ना होने की वजह से उत्पन्न होता है।

(वातरक्त) या गाउट गठिया (Gout gathiya)

गाउट arthritis भी एक प्रकार का गठिया होता है,यह आपके शरीर में तरल पदार्थ और कोशिकाओं में क्रिस्टल के अधिक निर्माण की वजह से होता है। यह रोग तभी होता है, जब आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी स्थिति उत्पन्न होने पर आपके जोड़ों में अत्यधिक दर्द, सूजन व लाल चकते भी पर सकते हैं।

गठिया से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर

गठिया के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं?

arthritis होने की स्थिति में आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है।

  1. अत्यधिक थकान
  2. जोड़ों में दर्द
  3. प्रभावित जगह लाल होना
  4. जोड़ों में अकरन
  5. सूजन और चलने फिरने में तकलीफ

गठिया के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है?

मुख्य रूप से arthritis आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है जिसका उपचार आप कुछ दवाओं और जीवन शैली में कुछ अहम बदलाव लाकर कर सकते हैं। इसके अलावा आपको नियमित व्यायाम करने की भी आवश्यकता है।

गठिया की स्थिति कैसे उत्पन्न होती है?

arthritis की स्थिति उत्पन्न होने अनेकों कारण हैं। लेकिन मुख्य रूप से arthritis अनियमित, खानपान शारीरिक गतिविधियों में कमी, मोटापा और प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना को माना गया है। इसके अलावा कुछ हद तक संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।

क्या गठिया ठीक हो सकता है?

ज्यादातर arthritis का सटीक इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ हद तक arthritis की स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। यदि आप विशेषज्ञों द्वारा बताए गए निर्देशों का नियमित रूप से पालन करते हैं और अपने जीवन शैली में कुछ अहम बदलाव करते हैं, तो हो सकता है कि आपका arthritis नियंत्रित हो जाए।

कौन सा कारण गठिया की स्थिति को और भड़का सकता है?

अत्यधिक वजन और ज्यादातर ठंडे वातावरण में रहना गठिया की स्थिति को और बढ़ा सकता है।

क्या जोड़ों में arthritis होने पर चलना ठीक रहेगा?

यदि आपको पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण हल्के दर्द से हल्के दर्द होते हैं। तो चलना और अन्य व्यायाम करना जोड़ो आपके द्रव्य को बनाये रखता है। ऐसे में आपको चलना चाहिए और अन्य व्यायाम करना चाहिए। जो आपके घुटने के जोड़ों में गतिविधियां बरकरार रखते हैं आपको यह पता चलने की संभावना है कि व्यायाम के साथ कठोरता और दर्द और थकान में सुधार होता है।

हमने इस लेख में arthritis के कारण, लक्षण तथा बचाव के बारे में जानकारी दी है हमें उम्मीद है हमारे द्वारा दिया गया या उत्तर आपको पसंद आया होगा। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न उत्पन्न हो रहा है तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं हम आपकी सेवा में सदैव तत्पर हैं।
धन्यवाद।