आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Brain hemorrhage क्यों होता है। इसके लक्षण क्या है, इससे किस तरह कैसे बचाव किया जा सकता है, एवं इसका इलाज क्या है।
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ब्रेन हेमरेज एक गंभीर समस्या है, जिस को आम भाषा में दिमाग की नस फटना कहते हैं। ब्रेन हेमरेज की स्थिति उत्पन्न होने पर अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। ब्रेन हेमरेज का खतरा अधिकतर सर्दियों में ज्यादा रहता है।
ब्रेन हेमरेज एक दिमागी दौरा होता है। जब किसी कारणवश दिमाग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है या अचानक से रक्त प्रवाह अवरोधित हो जाता है तो ब्रेन हेमरेज की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ब्रेन हेमरेज की समस्या वैसे तो अधिक उम्र के लोगों को ही होती हैं पर किसी कारणवश यह कम उम्र के लोगों को भी हो सकती है। ब्रेन हेमरेज का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होता है।
ब्रेन हेमरेज के कारण ( Brain hemorrhage ke karan )
हाई ब्लड प्रेशर ( High blood pressure) – हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज ना किया जाए तो यहां ब्रेन हेमरेज का कारण बनती है।
अचानक सर में चोट लगना (Achanak sir me chot lagna )– छोटी उम्र के लोगों में अचानक से किसी कारणवश सर में चोट लग जाने के कारण ब्रेन हेमरेज की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
एनयूरिस्म ( Aneurysm ) – जब हमारे धमनी का बाहरी हिस्सा कमजोर होने लगता है। जिसके कारण धमनी में सूजन आ जाती है, इस स्थिति को एन्यूरिस्म कहते हैं। ऐसी स्थिति में धमनी फट जाती है, जिसके कारण रक्त स्त्राव होता है, इस कारण भी ब्रेन हेमरेज हो सकता ।
अधिक उम्र होना ( Adhik umar hona ) – अधिक उम्र के लोगों को ब्रेन हेमरेज की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ उनका दिमाग भी कमजोर हो जाता है और दिमाग की नसें भी कमजोर होने लगती हैं। जिस कारण से ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है।
तनाव में रहना ( Tanaav me rahena )– तनाव ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है। अत्यधिक तनाव में रहने से हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिस कारण ब्रेन हेमरेज की संभावना रहती है।
धूम्रपान व ड्रग्स का सेवन करना ( Dhoomra paan va drugs ka sewan karna )– धूम्रपान व ड्रग्स हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अधिक धूम्रपान व ड्रग्स करने से भी मस्तिष्क का दौरा पड़ सकता है
हाई कोलेस्ट्रॉल ( High cholesterol )– हाई कोलेस्ट्रॉल एक खतरे की निशानी है इस स्थिति में भी ब्रेन हेमरेज होने की संभावना अधिक रहती है।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण ( Brain hemorrhage ke lakshan )
- सर में तेज दर्द होना
- देखने की क्षमता में बदलाव आना
- शरीर का कोई भी हिस्सा सुन्न पड़ना
- बोलने व समझने की क्षमता पर असर पड़ना
- बेहोशी महसूस होना
- दौड़े पड़ना जो पहले कभी ना आए हो
- निगलने में समस्या होना
- स्वाद का ठीक से पता ना लगना
- शरीर का संतुलन बिगड़ना
- उल्टी आना
ब्रेन हेमरेज से बचाव ( Brain hemorrhage se bachav )
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखें ( Blood pressure control rakhe ) – ब्रेन हेमरेज के खतरे को कम करने के लिए सबसे पहले अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें क्योंकि 80 परसेंट ब्रेन हेमरेज का कारण हाई ब्लड प्रेशर ही होता है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए व्यायाम भी कर सकते हैं।
धूम्रपान से दूर रहें ( Dhoomra paan se door rahe )– ब्रेन हेमरेज से बचने के लिए धूम्रपान का सेवन बंद कर दें हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। जाने निकोटीन हमारे शरीर के लिए कितना हानिकारक होता है।
गाड़ी चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें ( Gaadi chalate samay helmet ka prayog kare )– गाड़ी चलाते समय हेलमेट का उपयोग करें क्योंकि इससे सर पर चोट लगने की संभावना कम रहती है।
तनाव को दूर रखें ( Tanaav ko door rakhe ) – तनाव हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। ऐसे में यह जरूरी होता है कि तनाव की स्थिति को दूर रखें ताकि ब्रेन हेमरेज की समस्या उत्पन्न ना हो सके।
रोजाना एक्सरसाइज करें ( Rojana exercise kare )– एक्सरसाइज करने से हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य ठीक रहता है। एक्सरसाइज करने से मधुमेह उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। मधुमेह व उच्च कोलेस्ट्रॉल की वजह से भी ब्रेन हेमरेज की समस्या उत्पन्न होती है, इसलिए रोजाना एक्सरसाइज करें।
पौष्टिक भोजन लें ( poshtik bhojan le )– इस समस्या से बचने के लिए अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें। ब्रेन हेमरेज जिस कारण से होता है पौष्टिक भोजन लेने से वह समस्याएं कम हो जाती हैं जिस कारण से ब्रेन हेमरेज का खतरा भी कम हो जाता है।
ब्रेन हेमरेज का उपचार ( Brain hemorrhage ka upchar )
ब्रेन हेमरेज का इलाज पूरी तरीके से मुमकिन है। शुरुआत में ही इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए तो उसका सफल इलाज किया जा सकता है। किसी कारणवश अगर कोई स्थिति गंभीर होती है, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है अन्यथा उसका इलाज दवाइयों द्वारा ही किया जा सकता है।
ब्रेन हेमरेज होने पर सबसे पहले मरीज का सिटी स्कैन व दिमाग की एम आर आई की जाती है। इससे दिमाग के रक्त स्त्राव वाले हिस्से के बारे में पता लगाया जाता है, जिससे ठीक से इलाज किया जा सके अगर मरीज बेहोश हालत में है, तो नसों मे सूईयो के द्वारा दवाइयां व खाना दिया जाता है। अगर ब्रेन हेमरेज का कारण बीपी है तो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जाता है।
आज के लेख में हमने जाना कि ब्रेन हेमरेज क्यों होता है, इसके लक्षण क्या है, इसे बचाव किस तरीके से किया जा सकता है, और इसके क्या उपचार है। अगर आप भी ब्रेन हेमरेज से बचना जाते हैं तो हमारे द्वारा बताए गए तरीकों को अपनाएं और अगर किसी व्यक्ति को भी इस तरीके के लक्षण नजर आए हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाए ताकि ब्रेन हेमरेज की स्थिति से बचाया जा सकें।
मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा अगर ब्रेन हेमरेज से संबंधित आपके मन में किसी प्रकार का कोई प्रश्न उठ रहा हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताएं। हम आपकी सेवा में सदा तत्पर है।
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धन्यवाद।।